नई दिल्ली (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से पूछा है कि उन पुलिसवालों के खिलाफ जांच में क्या निकाला, जिनकी मौजूदगी में पालघर में भीड़ ने दो साधुओं की हत्या की। कोर्ट ने पूछा कि महीनों गुजर जाने के बाद भी राज्य सरकार ने उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ अभी तक क्या कार्रवाई की। कोर्ट ने महाराष्ट्र पुलिस से इस मामले में दायर चार्जशीट भी पेश करने का निर्देश दिया।सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अगर चार्जशीट देखने के बाद कोर्ट को मुंबई पुलिस की अपराध में मिलीभगत नजर आती है तब सीबीआई जांच होनी चाहिए।महाराष्ट्र पुलिस ने पालघर मामले में सीबीआई-एनआईए जांच का विरोध किया है।
यह याचिका शशांक शेखर झा ने दायर की है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछली 11 जून को महाराष्ट्र सरकार, केंद्र सरकार औऱ सीबीआई को नोटिस जारी किया था। मृत साधुओं के रिश्तेदारों और जूना अखाड़ा के साधुओं ने याचिका दाखिल की है। याचिकाओं में कहा गया है कि महाराष्ट्र सरकार और पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं है, क्योंकि इस मामले में शक के दायरे में पुलिस ही है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछली 1 मई को भी इस हत्या मामले में महाराष्ट्र सरकार से रिपोर्ट तलब की थी। याचिका में घटना में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए मामले की जांच राज्य सीआईडी से वापस लेने की मांग की गई है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अभी जारी जांच पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।