आज देशभर में लोग मकर संक्रांति का पर्व मना रहे हैं। मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने की परंपरा सदियों पुरानी रही है। मकर संक्रांति का त्योहार तिल-गुड़ और पतंगबाजी के बिना अधूरा माना जाता है। मकर संक्रांति का नाम सुनते ही तिल के लड्डू और आसमान में रंग बिरंगी पतंगे उड़ती हुई नजर आने लगती हैं। यही वजह है कि आज के दिन बच्चों से लेकर बड़े तक आसमान पर रंग-बिरंगी पतंग उड़ाते नजर आते हैं। हालांकि कई बार पतंग उड़ाते समय हुई छोटी सी भी चूक त्योहार का मजा किरकिरा कर देती है। ऐसे में आपके त्योहार का रंग और मौज मस्ती बनाए रखने के लिए जानते हैं पतंगबाजी करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
आसमान में रंगीन पतंगों का खेल, मकर संक्रांति का हमारे देश में विशेष महत्व है। पतंग उड़ाने का यह पर्व हमें नाचने, खेलने और मिलने का मौका देता है, लेकिन इस खास दिन को स्वस्थ और सुरक्षित बनाए रखने के लिए हमें कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।
चयन सही पतंग का: सही पतंग चुनना महत्वपूर्ण है। उच्च गति वाली पतंगों से बचें, ताकि वायुमंडल में खतरा न बने। छोटी और स्वच्छ हवा में बनी पतंगें सुरक्षित होती हैं।
स्थान का चयन: पतंग उड़ाने के लिए सही स्थान का चयन करें। बड़े और शुष्क स्थलों को पसंद करें, ताकि किसी औरत से टकराहट या अन्य खतरे का सामना ना करना पड़े।
बच्चों का साथ दें: छोटे बच्चों को पतंग उड़ाने में सहारा दें और उन्हें सुरक्षित जगहों पर ही खेलने के लिए अनुमति दें।
सावधानी से रंगीन सूची चलाएं: रंगीन सूची का सही तरीके से चलाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। दूसरों के साथ मिलकर उड़ाएं और बच्चों को सुरक्षित दूरी पर रखें।
उच्चतम गति से बचें: अधिक उच्च गति वाली पतंगों से बचें, क्योंकि इनमें अधिक वेग हो सकता है और वे अनुभवी खिलाड़ियों के लिए होती हैं।
पतंग को बचाव में रखें: अगर किसी अन्य क्षेत्र में पतंग पड़ती है, तो अपनी पतंग को