नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने भीमा कोरेगांव हिंसा मामले की आरोपी वकील सुधा भारद्वाज की जमानत याचिका खारिज कर दी है। जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि अगर आप स्वास्थ्य के आधार पर जमानत मांग रही हैं तो हम जमानत नहीं दे सकते क्योंकि आपकी मेडिकल रिपोर्ट में ऐसी कोई गंभीर समस्या का जिक्र नहीं है जिसका इलाज जेल में रहते संभव नहीं है।
सुधा भारद्वाज ने स्वास्थ्य आधार पर ज़मानत मांगी थी। सुनवाई के दौरान सुधा भारद्वाज की वकील वृंदा ग्रोवर ने कहा कि वे पिछले दो सालों से जेल में बंद हैं। उनकी उम्र 58 साल है। तब कोर्ट ने कहा कि आपने मेडिकल रिपोर्ट देखा है। तब ग्रोवर ने कहा कि सुधा भारद्वाज को डायबिटीज है जो कोरोना के संक्रमण के लिए खतरनाक है। तब कोर्ट ने कहा कि लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक वो ठीक हैं। तब ग्रोवर ने कहा कि सुधा भारद्वाज को हार्ट की भी बीमारी है। अभी तक आरोप भी तय नहीं किए गए हैं। सुधा भारद्वाज को अंतरिम जमानत दी जाए। जब वो ठीक हो जाएंगी तो फिर सरेंडर कर देंगी।
कोर्ट ने पूछा कि जांच को लेकर क्या प्रगति है। तब ग्रोवर ने कहा कि आपराधिक साजिश रची गई है। सुधा भारद्वाज नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी दिल्ली में पढ़ाती हैं। उनकी अंतरराष्ट्रीय पहचान है। उनके फोन से कोई आपत्तिजनक चीजें बरामद नहीं की जा सकी हैं। तब कोर्ट ने ग्रोवर से कहा कि आप मेरिट के आधार पर जमानत के लिए याचिका दायर कीजिए। अगर आप हमारे पास केवल स्वास्थ्य आधार पर जमानत मांग रही हैं तो हम मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर जमानत नहीं दे सकते हैं। कोर्ट ने वृंदा ग्रोवर से कहा कि आप केस के तथ्यों के आधार पर जमानत याचिका दाखिल कीजिए।