उज्ज्वल दुनिया/भोपाल । बीजेपी की महिला मंत्री और उपचुनाव में डाबरा से प्रत्याशी इमरती देवी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ बुरी तरह घिर गए हैं। एक तरफ पार्टी नेतृत्व ने उनके खिलाफ खुलकर नाराजगी जाहिर की है तो दूसरी तरफ वह कानूनी शिकंजा भी कसता नजर आ रहा है।
एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज हुआ केस
अनुसूचित जाति से आने वाली महिला नेता के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी को लेकर अनुसूचित जाति राष्ट्रीय आयोग ने डीजीपी से रिपोर्ट मांग ली है। अनुसूचित जाति के लिए बने राष्ट्रीय आयोग ने मंगलवार को मध्य प्रदेश के डीजीपी और मुख्य सचिव को नोटिस जारी करके पूछा है कि बीजेपी नेता इमरती देवी के खिलाफ कमलनाथ के बयान को लेकर क्या कार्रवाई की गई है? आयोग ने दोनों अधिकारियों को 15 दिनों के भीतर एक्शन टेकन रिपोर्ट जमा कराने को कहा है। इससे पहले राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए उनसे स्पष्टीकरण मांगा था।
राहुल ने जताई नाराजगी
कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी मंगलवार को कमलनाथ के बयान पर खुलकर नाराजगी जाहिर की। राहुल ने केरल के वायनाड में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि वह इस तरह की भाषा को पसंद नहीं करते हैं, जिसका कमलनाथ ने इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है। हालांकि, कमलनाथ के तेवर ढीले नहीं पड़े हैं और उन्होंने कहा कि यह राहुल गांधी की राय है। कमलनाथ ने एक बार फिर कहा कि वह माफी नहीं मांगेंगे।
शिवराज ने कहा- ईमानदारी से मांगें माफी
राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ को माफी मांगने की सलाह देते हुए कहा, ”कभी आप कहते हैं कि आपकी टिप्पणी में अपमानजनक कुछ भी नहीं है और आइटम शब्द का अर्थ प्रदेश की जनता को समझाने लगत हैं। कहीं आप अपनी टिप्पणी पर खेद भी व्यक्त कर रहे हैं। मेरे विचार से आपको ईमानदारी से एक गरीब और अनुसूचित जाति की बेटी पर की गई अपमानजनक टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए।’