Tuesday 17th of June 2025 08:05:32 AM
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बीजापुर में पुलिस की नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड 22 जवान शहीद, 30 घायल तीन घंटे की मुठभेड़ में नौ नक्सली भी मारे गये शहीद जवानों के शव दो ट्रैक्टरों में ले गए नक्सली

बीजापुर। एजेंसियां। छत्तीसगढ़ के धुर नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में कल नक्सलियों के साथ हुई भीषण मुठभेड़ में 22 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए हैं, जबकि 30 घायल हो गये हैं। वहीं नौ नक्सलियों के भी मारे जाने की खबर है। घायल सभी जवानों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनमें से 23 घायलों का बीजापुर अस्पताल में और 7 का रायपुर के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है। सभी की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। कल पुलिस अधिकारियों ने 5 जवानों के शहीद होने की पुष्टि की थी और 21 जवान लापता बताए जा रहे थे। नक्सलियों ने आज घटनास्थल का वीडियो जारी किया है, जिसमें 20 जवानों के शव अभी भी घटनास्थल पर ही दिखाई दे रहे हैं, लेकिन समाचार लिखे जाने तक यहां रेस्क्यू टीम नहीं पहुंची है। बीजापुर के एसपी ने बताया कि हमले में 22 जवान शहीद हुए हैं। हालांकि, यह संख्या 24 होने की आशंका है। मालूम हो कि बस्तर के बीजापुर में कल नक्सलियों ने करीब 700 जवानों को बीजापुर के तर्रेम इलाके में जोनागुड़ा पहाड़ियों के पास घेर लिया था। तीन घंटे तक चली मुठभेड़ में 9 नक्सली भी मारे गए हैं, जबकि करीब 30 जवान घायल हुए हैं। जिस इलाके में मुठभेड़ हुई है, वह नक्सलियों की फस्र्ट बटालियन का कार्यक्षेत्र है। 20 दिन पूर्व यूएवी की तस्वीरों से सुरक्षा बलों को जोनागुड़ा की पहाड़ियों पर नक्सलियों के डेरा जमाने की सूचना मिली थी। शुक्रवार रात को ही सीआरपीएफ के कोबरा कमांडो, बस्तरिया बटालियन और स्पेशल टास्क फोर्स के दो हजार जवानों ने ऑपरेशन शुरू किया था, लेकिन शनिवार को नक्सलियों ने 700 जवानों को घेरकर तीन ओर से फायरिंग करने के साथ ही हमला कर दिया था। सूत्रों के अनुसार, गांव के करीब और जंगल में शहीद जवानों के शव मिले हैं। नक्सली उनके हथियार, जूते और कपड़े तक लेकर चले गए हैं। पुलिस महानिरीक्षक पी सुंदरराज ने बताया कि मौके पर 180 नक्सलियों के अलावा कोंटा एरिया कमेटी, पामेड़ एरिया कमेटी, जगरगुंडा एरिया कमेटी और बासागुड़ा एरिया कमेटी के लगभग 250 नक्सली भी थे। सूचना मिली है कि नक्सली दो ट्रैक्टरों में शवों को ले गए हैं। इस बीच सीआरपीएफ के डीजी कुलदीप सिंह छत्तीसगढ़ पहुंच गए हैं। बीजापुर में हुए ऑपरेशन के बाद गृह मंत्रालय ने उन्हें लोकेशन पर जाने के निर्देश दिए थे। सीआरपीएफ के एडीजीपी ऑपरेशंस जुल्फिकार हंसमुख, केंद्र के वरिष्ठ सुरक्षा सलाहकार व सीआरपीएफ के पूर्व डीजीपी के. विजय कुमार और मौजूदा आईजी ऑपरेशंस पिछले 20 दिनों से जगदलपुर, रायपुर व बीजापुर के क्षेत्रों में खुद मौजूद हैं। इसके बावजूद इतनी बड़ी संख्या में जवानों का शहीद होना पूरी ऑपरेशनल प्लानिंग पर सवाल खड़े कर रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी ने जवानों के शहीद होने पर दुख जताते हुए कहा है कि जवानों के बलिदान को कभी नहीं भुलाया जाएगा। मेरी संवेदनाएं छत्तीसगढ़ में शहीद हुए जवानों के परिजनों के साथ है। बता दें कि यह पिछले 10 दिनों में राज्य में यह दूसरी बड़ी नक्सली वारदात है। इससे पहले 23 मार्च को, नारायणपुर जिले में सुरक्षाकर्मियों को ले जा रही एक बस को नक्सलियों ने आईडी से उड़ा दिया था। पिछले साल 21 मार्च को सुकमा जिले के मिंपा इलाके में एक नक्सली हमले में डीआरजी के 12 सहित 17 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे। 2013 में भी झीरम घाटी नक्सली हमले में छत्तीसगढ़ कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं सहित 30 से अधिक लोग मारे गए थे।

अब भी 11 जवानों का सुराग नहीं

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