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बड़ा खुलासा: दिशा रवि की #Toolkit साज़िश में कुछ बड़े पत्रकार शामिल

दिशा रवि फिलहाल पुलिस कस्टडी में हैं

दिशा रवि के वाट्सएप ग्रुप और #Toolkit के लिंक भेजती थी और ये पत्रकार उसे सैकड़ों मीडिया ग्रुप में वायरल करते थे

बंगलुरु । दिल्ली पुलिस ने दिशा रवि को लेकर कुछ और बड़े खुलासे किए हैं । पुलिस का दावा है कि दिशा रवि, निकिता जैकब और शांतनु तीनों मिलकर भ्रामक और भड़काऊ खबरों का टुलकिट बनाकर दिल्ली के कुछ बड़े पत्रकारों को भेजते थे । फिर दिल्ली में बैठे ये पत्रकार उन भड़काऊ, भ्रामक और हिंसा के लिए उकसाने वाली खबरों को अलग-अलग वाट्सएप ग्रुप, ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल करते थे ।

देश भर के 70 पत्रकार बनें इस साजिश का मोहरा

दिल्ली पुलिस की माने तो कनाडा स्थित खालिस्तानी समर्थक ग्रुप “पोएटिक जस्टिस फाउंडशन” ने इसके लिए बकायदा पत्रकारों को शॉर्टलिस्ट किया था । उसकी सूची दिशा रवि और उसके ग्रुप को दी गई थी । इस सूची में देश से कुछ बड़े पत्रकार शामिल हैं । इन लोगों ने दिल्ली हिंसा के दौरान भ्रामक खबरें फैलाई और अफवाहों को वायरल करने में मदद पहुंचाई ।

पुलिस की गोली से किसान के मरने की अफवाह के बाद हुई हिंसा

दिल्ली पुलिस की माने तो 26 जनवरी को पुलिस की गोली से किसान के मरने की अफवाह गलती से नहीं फैली थी, बल्कि एक बड़े पत्रकार ने सोंच समझ कर इसे बकायदा प्लांट किया था । तथाकथित उस बड़े पत्रकार ने उस अफवाह (भ्रामक खबर) को किसान संगठनों के ग्रुप में वायरल किया। लालकिले और ITO के पास हिंसा को भड़काने में इस अफवाह का बहुत बड़ा योगदान था । इस अफवाह का toolkit शांतनु ने तैयार किया था ।

दिशा रवि, निकिता जैकब और शांतनु

दिशा को पूरी साजिश की थी जानकारी

दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक बंगलुरू की पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को इस पूरी साजिश की जानकारी थी । ग्रेटा थनबर्ग कब ट्वीट करेगी, क्या लिखेगी, उसके बाद उस ट्वीट को कैसे और किन लोगों को भेजनी है। इसके लिए बकायदा प्लानिंग की गई थी । पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के वीडियो और “इंडिया गेट पर अपना झंडा” वाली अपील भी शांतनु और निकिता जैकब से ही वायरल करवाया गया ।

फरार हैं शांतनु और निकिता जैकब!

पुलिस का कहना है कि निकिता जैकब पेशेवर वकील हैं । उन्हें कानून की बारीकियों की जानकारी है । वे ग्रुप को बताती थीं कि किस टूल किट से वे फंस सकती हैं । निकिता जैकब के बताने पर ही दिशा ने ग्रेटा थनबर्ग के साथ वाट्सएप चैट में कहा था – “इस #toolkit को हटा दो, इससे हमपर UAPA के तहत केस दर्ज हो सकता है”

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