काबुल, एजेंसियां। अफगानिस्तान में प्रतिरोध का केंद्र बनी पंजशीर घाटी को तालिबान आतंकियों से बचाने के लिए अहमद मसूद के नेतृत्व में नौ हजार विद्रोहियों ने मोर्चा संभाला हुआ है। पंजशीर में नॉर्दन अलाइंस और तालिबान के बीच अभी भी जबरदस्त लड़ाई जारी है। पंजशीर घाटी की पहाड़ी चोटियों पर मसूद के जवानों ने हैवी मशीन गन तैनात कर दिए हैं, जिससे तालिबानियों का शिकार किया जा सके। इसके अलावा मोर्टार और निगरानी चौकी भी बनाई गई है। खबर ये है कि वहां सैकड़ों तालिबान लड़ाकों को मार गिराया गया है या उन्हें बंधक बना लिया गया है। तालिबान ने पंजशीर घाटी को तीन तरफ से घेरने का दावा किया है। उसका कहना है कि हमने पंजशीर की रसद और अन्य सामानों की सप्लाई लाइन काट दी है।
पंजशीर के नेताओं का कहना है कि वो किसी कीमत पर तालिबान आतंकियों के सामने हथियार नहीं डालेंगे और ये जंग जारी रहेगी। पंजशीर की बर्फ से ढंकी चोटियों के बीच में ये जवान राजधानी काबुल से मात्र 80 किमी दूर तालिबान से मोर्चा ले रहे हैं। अहमद मसूद के पिता अहमद शाह मसूद की गिनती कभी पंजशीर के सबसे बड़े वार लड़ाके में होती थी, जिन्होंने अपने जीते जी कभी तालिबान और सोवियत संघ को पंजशीर के पास भी आने नहीं दिया। यहां तक कि जब पिछली बार तालिबान अफगानिस्तान पर काबिज था, तब भी वो पंजशीर को नहीं जीत सका।

