लखनऊ. उत्तर प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के सभी नतीजे लगभग घोषित हो चुके हैं. हालांकि कई जगहों पर अभी आधिकारिक घोषणा होनी बाकी है. जिला पंचायत सदस्य चुनाव के भी नतीजे आ चुके हैं. समाजवादी पार्टी ने सत्तारूढ़ बीजेपी को पछाड़ते हुए बढ़त बना ली है. अब तक जारी परिणाम के मुताबिक समाजवादी पार्टी समर्थित 742 उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है, जबकि बीजेपी समर्थित 679 प्रत्याशी जीते हैं. बसपा समर्थित 320 प्रत्याशी जीतने में कामयाब रहे. वहीं कांग्रेस व अन्य दलों सहित 1309 निर्दलीयों ने जिला पंचायत चुनाव में बाजी मारते हुए कई जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी की चाबी अपने हाथ में रखी है. पार्टी प्रवक्ता डॉ अनुराग भदौरिया ने कहा कि पंचायत चुनाव में समाजवादी पार्टी ने बनारस, प्रयागराज और अयोध्या जैसे जिलों में बीजेपी को धूल चटा दी है. इतना ही नहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गृह जनपद गोरखपुर में समाजवादियों ने बीजेपी के नाक में दम कर रखा है.
जिला पंचायत चुनाव में बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली. लेकिन अब परिणाम आने के बाद सबसे बड़ी लड़ाई जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी के लिए शुरू होगी. कई जिलों में किसी भी दल को बहुमत न मिलने की स्थिति में जोड़तोड़ का खेल भी शुरू हो गया है. जिला पंचायत अध्यक्ष की चाबी इस बार निर्दलीयों के पास है. हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री और सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह का दावा है कि बीजेपी ने पंचायत चुनावों में 900 से ज्यादा सीटें जीती हैं और 400 निर्दलीय पार्टी के संपर्क में हैं. लिहाजा अब सभी की निगाहें जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर है. सभी 75 जिलों में कौन अपने दल के प्रतिनिधि को काबिज करवा पाता है,