क्या वाट्सएप मेरी कमाई के आंकड़े फेसबुक पर डाल देगा ? क्या मेंरी अंतरंग तस्वीरों को पेसबुक के पास भेज देगा ? क्या मेरी किसी के साथ हुई बातचीत के डाटा को फेसबुक के साथ शेयर करेगा ? कुछ इसी तरह के सवाल आज वाट्सएप यूजर्स के मन में तैर रहे हैं…लेकिन जवाब किसी के पास नहीं है…
व्हॉट्सएप की नई निजता नीति के खिलाफ गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई है। याचिका में व्हाट्सएप की नई निजता नीति को न सिर्फ करोड़ों लोगों के निजता के अधिकार का हनन बताया गया है, बल्कि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा होने का दावा किया गा है। अधिवक्ता चैतन्या रोहिल्ला ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दाखिल कर तत्काल प्रभाव से व्हॉट्सएप की नई निजता नीति पर रोक लगाने की मांग की है।
याचिका में न्यायालय से व्हॉट्सएप द्वारा गोपनीयता नीति में किसी भी तरह का बदलाव करते समय लोगों के मौखिल और निजी अधिकारों का रक्षा करने और इसके किसी भी तरह की अनदेखी नहीं करने का निर्देश दिया है। अधिवक्ता रोहिल्ला ने याचिका में कहा है कि व्हॉट्सएप की नई नीति कंपनी को वास्तव में लोगों के 360डिग्री प्रोफइल यानी इसमें दिए गए सभी तरह की जानकारी लेने का अधिकार देती है।
याचिका में न्यायालय से केंद्र सरकार को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 87 (2) (जेडजी ) के साथ धारा 79 (2) (ग) के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करके यह सुनिश्चित करने का आदेश देने की मांग की है कि व्हॉट्सएप किसी भी यूजर का डेटा किसी तीसरे पक्ष या फेसबुक और उसकी कंपनियों के साथ अपने उपयोगकर्ताओं के लिए साझा नहीं करे।
व्हॉट्सएप ने 4 जनवरी को नई निजता नीति को घोषित करते हुए अपने उपयोक्ताओं को सेवा की शर्तों और गोपनीयता की नीति के बारे में अपडेट देना शुरू किया है। व्हॉट्सऐप ने इसमें बताया कि वह कैसे उपयोक्ताओं के डाटा का प्रसंस्करण करती है और उन्हें फेसबुक के साथ किस तरह से साझा करती है। अपडेट में यह भी कहा गया कि व्हॉट्सऐप की सेवाओं का उपयोग जारी रखने के लिए उपयोक्ताओं को आठ फरवरी, 2021 तक नई शर्तों व नीति से सहमत होना होगा।