शौचालय नहीं गेस्ट हाउस से भागा था गैंगस्टर अमन साहू, चौकीदार के बयान और फरारी के केस में भारी अंतर
अजय निराला, उज्ज्वल दुनिया संवाददाता/हजारीबाग। बड़कागांव थाना के पूर्व (अब बर्खास्त) थानेदार मुकेश कुमार की मुश्किलें बढ़ती जा रही है । पुलिस के जवानों को भागलपुर ले जाकर जमीन कब्जा करने और मारपीट के आरोप में विभागीय जांच में पुष्टि हो जाने के बाद उत्तरी छोटा नागपुर प्रमंडल हजारीबाग के डीआईजी अमोल वेणुकांत होमकर ने मुकेश कुमार को बर्खास्त कर दिया है।
गैंगस्टर अमन साहू के बड़कागांव थाना से फरारी मामले में चौकीदार के बयान ने पुलिस अधिकारियों के पोल खोल कर रख दिया है। मामले के जांच सीआईडी कर रही है। सूत्रों के अनुसार चौकीदारों ने बर्खास्त दारोगा मुकेश कुमार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कहा कि अमन को थाना में मुकेश कुमार के आदेश पर गेस्ट बना कर रखा गया था। उसे हाजत में नहीं रखा गया था । बयान के बाद बड़कागांव थाना से अमन की फरारी के बाद बड़कागांव थाना में जिस चौकीदार भुवनेश्वर पासवान के बयान पर कांड संख्या 169/19 केस दर्ज किया गया था। दर्ज मुकदमें में कहा गया था कि हाजत से आधी रात को शौचालय के लिए अमन को बाहर निकाला गया था। चौकिदार भुवनेश्वर पासवान के गुप्तांगों पर हमला कर अमन हथकड़ी सहित फरार हो गया था। लेकिन अब उसी चौकीदार भुवनेश्वर पासवान ने दर्ज केस में कही कहानी से अलग बयान देकर सीआईडी को चौंका दिया है। उसने अपने बयान में कहा कि अमन को पूरे से अतिथि कक्ष में रखा गया था,ड्यूटी बदलने समय उसे जानकारी मिली, सुबह अमन को जब चाय देने गया तो उसे वहां नहीं देखा, वेंटिलिटर टूटा हुआ था। इस बयान के बाद बर्खास्त दारोगा मुकेश कुमार पर शक की सुई और गहरा गई है।
चौकीदार के बयान से पुलिस अधिकारियों की संदिग्ध भूमिका उजागर
अमन साहू की फरारी की जांच सीआईडी कर रही है। जांच के दौरान आरोपी बर्खास्त दारोगा मुकेश कुमार तत्कालीन एसडीपीओ अनिल सिंह सहित अन्य लोगों से पुछताक्ष हुई है। बयान में सब ने खुद को निर्दोष बताते हुए एक दूसरे को जिम्मेवार ठहराने की कोशिश किया। लेकिन चौकीदार के बयान से पुलिस अधिकारियों अमन की फरारी में संलिप्तता के शक की सुई को और गहरा कर दिया है। चौकीदार ने जो बयान दिया है। अगर उसे सच माना जाए तो अब तक अमन की फरारी की कहानी पुलिस जो दिखा-बता रही थी वह पूरी तरह झूठ निकली ।
इस प्रकार पुलिस के अधिकारियों पर शक की सुई और गहरी हो जाती है कि आखिर चैकीदार से घटना की सच्चाई छुपा गलत तथ्य बता क्यों उसके बयान पर बड़कागांव थाना कांड संख्या 169/19 दर्ज किया गया। मुकेश कुमार के सस्पेंड होने से अब तक जिले के किसी भी पुलिस पदाधिकारी ने केस में बताए तथ्यों और वर्तमान में चौकीदार के बताए मूल तथ्यों की पता क्यों नहीं कर पाई ? या जानबूझ कर सबकी संलिप्तता से सच्चाई को दबा कर रखा गया ?
क्यों उठ रही पुलिस अधिकारियों पर संदेह की उंगली
अमन साहू की गिरफ्तारी से लेकर फरारी और उसके बाद कि गतिविधियों पर निम्न बिंदुओं में गौर करने पर पुलिस अधिकारियों पर शक उठती है। अगर उसे बड़कागांव में सुरक्षा के दृष्टिकोण से रखा गया था तो गेस्ट बनाकर क्यों और किसके कहने पर सुरक्षा में ढील देकर सुविधाएं दी जा रही थी ( जैसा चौकीदार ने बताया) ? और मूल तथ्यों को छुपाकर चौकीदार के नाम पर गलत कहानी बना क्यों मामला दर्ज किया गया ?
बड़कागांव थाना से अमन 27 सितम्बर को फरारी के दस दिन बाद मीडिया में मामला सामने आने के बाद वरीय पुलिस अधिकारी एक्टिव हुए और आनन-फानन में मुकेश कुमार को सस्पेंड किया गया। तब तक वरीय पुलिस अधिकारियों की चुप्पी के कारण क्या रहे थे और मीडिया में आने के बाद ही एक्टिव क्यों हुए ?
सबसे मुख्य बात यह है कि पूरे प्रकरण में एक ऑडियो की चर्चा है। जिसमें कहा जा रहा है कि वह कौन अधिकारी है जो मुकेश कुमार द्वारा अमन की फरारी के बाद बड़कागांव थाना में केस नहीं करने पर यह आश्वस्त कर रहा हैं कि तुम केस करो कुछ नहीं होगा। कौन है वह अधिकारी और क्यों ऐसा कह रहा है इसकी जांच में ही पूरे प्रकरण में संलिप्त लोगों को चिन्हित किया जा सकता है।