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झारखंड सरकार ने प्रवासी मजदूर के साथ किया धोखा, बड़े वादे विज्ञापनों में सिमट कर रह गए।


■ सरकार गठन के बाद रोजगार के एक अवसर सृजन नही कर पाई हेमंत सरकार, कई कंपनियों को बंद कर हजारों युवाओं को किया बेरोजगार: रघुवर दास


रांची – वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के मद्देनजर धीमी हुई आर्थिक गतिविधियों के बीच अपने प्रदेश वापस आये मजदूरों ने अब पुनः रोजगार के तलाश में दूसरे राज्यों में पलायन करना प्रारंभ कर दिया है। रोजगार की तलाश में मजदूरों के महानगरों के रुख करने से पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य सरकार की उदासीनता व वादाखिलाफी पर सवाल उठाया है। बुधवार को जारी बयान में पूर्व सीएम रघुवर दास ने कहा कि लॉकडाउन के प्रारंभिक दिनों में बड़े बड़े वादे कर मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन ने प्रवासी श्रमिकों को झारखंड प्रदेश वापस बुलाया। उन दिनों प्रवासी श्रमिकों व प्रवासी छात्रों के समस्याओं के प्रति राज्य सरकार के रुख और रवैये को सबने देखा कि कैसे अन्य राज्यों में फंसे मजदूरों व छात्रों को उनके हालात पर छोड़ दिया गया। कहा कि प्रदेश वापसी के समय शासन एवं प्रशासन द्वारा प्रवासी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने का वादा जोर-शोर से किया गया था। लेकिन वास्तविकता यह है कि बड़े पैमाने पर लौटे मजदूरों के समक्ष बड़ी समस्या रोजगार को लेकर खड़ी हुई। राज्य सरकार ने प्रवासी मजदूरों को राज्य में रोजगार के आश्वासन पर प्रदेश बुलाया परंतु राज्य सरकार द्वारा रोजगार मुहैया कराने की दिशा में कोई कार्ययोजना नहीं होने के कारण सभी कामगार मजदूरों की आशाएं टूट चुकी है। सरकार के द्वारा कोई ठोस पहल ना करने व पूर्ण रूप से निष्फल होने के कारणr भोले-भाले आदिवासी व कामगार मजदूर अब वापस दूसरे प्रदेश पलायन पर विवश हो रहे हैं। राज्य सरकार के बातों पर विश्वास करने के पश्चात सरकार ने प्रवासी मजदूरों के साथ विश्वासघात किया है। रोजगार के लिए प्रवासी मजदूर दर-दर भटक रहे हैं। प्रवासी मजदूरों की दिखाई दे रहे दर्द से सरकार के सभी दावे हवा-हवाई प्रतीत हो रहे हैं। केवल बड़े-बड़े विज्ञापनों में रोजगार के वादे सिमट कर रह गए। श्री दास ने सरकार के नियत पर सवाल उठाते हुए कहा कि साल में 5 लाख युवाओं को रोजगार देने की बात करने वाली सरकार द्वारा रोजगार के एक अवसर सृजन करने की बात तो दूर, उनकी गलत नीतियों के कारण प्रदेश में 2400 करोड़ निवेश वाली प्रदेश की सबसे बड़े टेक्सटाइल कंपनी ‘ओरिएंट क्राफ्ट’ में ताले लग गए। जिससे हजारों युवा बेरोजगार हो गए। राज्य में भाजपा सरकार के टेक्सटाईल पॉलिसी से प्रभावित होकर निवेश को आये अरविंद मिल्स और किशोर एक्सपोर्ट्स जैसे बड़ी कंपनियां भी जाने की तैयारी कर रही है। उन्होंने पूर्व की भाजपा सरकार के दौरान प्रारंभ किये गए टेक्सटाइल कंपनी का जिक्र करते हुए कहा कि टेक्सटाइल व फुटवेयर के क्षेत्र में हजारों युवाओं को रोजगार मिला। रोजगार की तलाश में तमिलनाडु ,त्रिचूर में काम कर रही झारखंड की बेटियों को अपने प्रदेश में रोजगार मिला। परंतु हेमंत सरकार की गलत नीतियों व अड़ियल रवैये ने उन हुनरमंद युवाओं का रोजगार भी छीन लिया। सरकार गठन के 8 महीने बाद भी राज्य सरकार द्वारा विकास के दिशा में ना कोई निति दिखे हैं और ना ही कोई सकारात्मक प्रयास।
कहा कि पिछली भाजपा सरकार के दौरान 70 हजार से अधिक सरकारी नियुक्तियां की गई, जिनमें शिक्षक, वनरक्षी एवं प्रशासनिक पदाधिकारियों की नियुक्ति शामिल है। इनमें 90 फीसदी रोजगार स्थानीय युवक-युवतियों को मिली थी। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य सरकार को सलाह दी है कि झूठे सपने दिखाकर जनता को दिग्भ्रमित करने का प्रयास ना करें। उन्होंने पंचायत सचिव की सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी नियुक्ति पत्र के आवंटन पर हो रही देरी पर चिंता जताई है।

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