बजट 2021 में रेलवे के मामले में झारखंड को सबसे बड़ी सौगात ईस्टर्न फ्रेट डेडिकेटेड कॉरिडोर के रुप में मिली है । झारखंड का गोमो पूर्वी भारत का सबसे बड़ा मालढुलाई का केन्द्र बनने जा रहा है। झारखंड अगले डेढ़ साल में कोलकाता-अमृतसर ईस्टर्न फ्रेट कॉरीडोर से जुड़ जाएगा ।
सोननगर-गोमो का काम इसी साल पूरा हो जाएगा
ईस्टर्न फ्रेट कॉरीडोर झारखंड में 196 किलोमीटर लंबाई में होगा। इससे होकर केवल मालगाड़ियां गुजरेंगी जो औद्योगिक उत्पादों या कच्चे माल को उनके ठिकाने तक तेज रफ्तार से पहुंचाएंगी। झारखंड के उद्योगों तक भी इस कॉरीडोर के जरिए तेजी से कच्चा माल पहुंचेगा और तैयार माल भेजा जाएगा। केंद्रीय वित्त मंत्री ने पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मोड में इसके निर्माण का एलान किया है। पहले सोननगर-गोमो खंड तैयार होगा। उसके तुरंत बाद गोमो-दानकुनी खंड का भी निर्माण शुरू हो जाएगा।
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के आसपास इंडस्ट्रियल टाउनशीप बनेगा
ईस्टर्न फ्रेट कॉरीडोर के दोनों ओर 10 किलीमोटर की दूरी तक इंडस्ट्रियल टाऊनशिप पहले से ही केंद्र और राज्य सरकार की ओर से प्रस्तावित है। इसके लिए जमीन अधिग्रहण का काम भी पूरा हो चुका है।