संरक्षण, संवर्द्धन और जनभागीदारी से ही साफ और स्वच्छ होगी गंंगा-प्रो.रंजीत
नीरज कुमार जैन
साहिबगंज । जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय द्वारा नमामि गंगे परियोजना के तहत गंगा नदी के किनारे स्थित पांच राज्यों के सभी गांवों को आदर्श गंगा ग्राम के रूप में विकसित करने के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु ग्रामीण स्वच्छता की वृहद योजना का निर्माण किया है। वैसे तो गंगा किनारे बसे पांच राज्य उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड तथा पश्चिम बंगाल में स्थित 1657 ग्राम पंचायतों के 5216 गांवों को चिन्हित किया गया है। सभी पांच राज्यों के प्रत्येक जिले में ग्राम पंचायतों द्वारा गंगा ग्राम के रूप में विकसित किए जाने वाले गांव चयनित किए गए हैै।
झारखंड मेें मात्र साहिबगंज जिला में राजमहल की पहाड़ियों के तट को छूकर गुुुजरी है गंगा नदी । फलतः योजना के तहत प्रथम चरण में पांच गांव का चयन किया गया है। जिसमें सकरीगली के रामपुर इंग्लिश गांव, तालझारी के कल्याणी, राजमहल के रसलपुर, कन्हैयास्थान, उधवा के सरगांव, बरहड़वा के बरारी, गणेशपुर गांव को आदर्श गंगा ग्राम के रूप में चयनित किया गया है। आदर्श गंगा ग्राम के उद्देश्यों को पूर्ण करने के लिए गंगा ग्राम को खुले में शौच से शत-प्रतिशत मुक्त एवं व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों के निर्माण द्वारा सामुदायिक स्वच्छता सुनिश्चित करना होगा।
इस मौके पर भूवैज्ञानिक पर्यावरण विद सह जिला गंगा समिति के अध्यक्ष डॉ.रणजीत कुमार सिंह ने कहा कि हमें एक टीम की तरह कार्य कर साहिबगंज जिले को गंगा नगरी के रूप में स्थापित करना होगा जिले के 33 पंचायत और 78 गांव में कुल 83 किलोमीटर गंगा के तट पर बसे लोगों की यह जिम्मेवारी है कि कि वह गंगा के संरक्षण, संवर्धन मे अपनी सक्रिय भूमिका निभाएं। गंगा को प्रदूषण मुक्त व सौंदर्यीकरण जनभागीदारी से ही संभव है।
उन्होंने कहा गंगा के पानी को प्रदूषण मुक्त बनााने के लिए केंंद्र सरकार द्वारा चयनित स्थलों पर वाटर पाँल्युशन मशीन लगाया जा रहा है। शनिवार को फेरीघाट मे वाँटर पाँल्युशन मशीन लगाने का कार्य प्रारंभ है। गंगा पानी के प्रदूषण जाँच के लिए लग रही वाटर पाँल्युशन मशीन से आरओ दुमका केके पाठक अनिभिज्ञ है।