गिरिडीह: सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ के बाद इनामी नक्सली अरविंद यादव झारखंड-बिहार बॉर्डर पर छिपा, पुलिस का सर्च ऑपरेशन तेज
गिरिडीह: पेंक नारायणपुर थाना क्षेत्र के जरवा जंगल में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ के बाद वांछित नक्सली अरविंद यादव उर्फ अविनाश उर्फ नेताजी के झारखंड-बिहार सीमा पर छिपे होने की खबर है। गिरिडीह और जमुई जिले की पुलिस हाई अलर्ट पर है, और सुरक्षाबलों ने सीमावर्ती क्षेत्र में व्यापक तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।
यह मुठभेड़ 22 जनवरी को बोकारो के ऊपरघाट क्षेत्र में हुई थी, जिसमें दो नक्सली मारे गए थे और भारी मात्रा में हथियार बरामद किए गए थे। हालांकि, अरविंद यादव और दो अन्य नक्सली किसी तरह बचकर भागने में सफल रहे।
बिना हथियार और दस्ते के सीमा क्षेत्र में छिपा हुआ है अरविंद यादव
खुफिया सूत्रों के अनुसार, अरविंद यादव बिना हथियार और दस्ते के अकेले झारखंड-बिहार सीमा के भेलवाघाटी, गगनपुर और हंसीकोल क्षेत्रों में घूम रहा है। उसकी गतिविधियों से झारखंड और बिहार पुलिस सतर्क हो गई है, और गिरिडीह, जमुई व नवादा जिलों में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया है।
कौन है अरविंद यादव?
अरविंद यादव, जो मूल रूप से सोनो थाना क्षेत्र के भेलवा मोहनपुर गांव का रहने वाला है, पिछले दो दशकों से नक्सली संगठन में सक्रिय है। वह माओवादी राज्य समिति में एक वरिष्ठ पद पर है और बिहार-झारखंड क्षेत्र का प्रवक्ता भी है।
पुलिस और ईडी की कार्रवाई के बावजूद पकड़ से बाहर
झारखंड और बिहार पुलिस, स्पेशल टास्क फोर्स (STF) के साथ मिलकर कई वर्षों से अरविंद यादव को पकड़ने की कोशिश कर रही है। उसके कई करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की जा चुकी है, और ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की कार्रवाई भी उस पर हो चुकी है। पुलिस ने उसके घर पर कई बार छापेमारी और कुर्की-जप्ती की है, लेकिन वह अब तक पकड़ में नहीं आया है।
सुरक्षाबल ऑपरेशन को तेज कर रहे हैं, और पुलिस का इरादा इस मोस्ट वांटेड नक्सली नेता को जल्द से जल्द पकड़ने का है।