मंगलवार को झारखंड की आमतौर पर शांत राजनीति में कुछ हलचल हुई । एक ही दिन में तीन बड़ी घटनाओं ने अचानक सबका ध्यान अपनी ओर खींचा । झारखंड मुक्ति मोर्चा के दो सबसे एक्टिव मंत्री और केंद्र सरकार के दो मंत्रियों के बीच मुलाक़ात हुई । इसके बाद केंद्र सरकार के तीसरे मंत्री रामदास अठावले ने झामुमो को एनडीए में शामिल होने का न्योता दे दिया ।
मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने ट्वीट कर बताया कि केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा से गढ़वा के आदिवासी इलाकों में एकलव्य विद्यालय खोलने की मांग की । वहीं जगरनाथ महतो की ओर से कहा गया कि फुसरो से गिरिडीह तक की सड़क फोरलेन करने को लेकर एक मांग पत्र सौंपा । इसके अलावा झामुमो और भाजपा की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया ।
मिथिलेश ठाकुर और जगरनाथ महतो ने अपने ट्वीट में कहा कि दोनों केन्द्रीय मंत्रियों के साथ उनकी मुलाक़ात “सौहार्दपूर्ण” वातावरण में हुई और केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और नीतिन गडकरी ने मांग पूरी होने का आश्वासन दिया है ।
रामदास अठावले और कांग्रेस का रिएक्शन
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और केन्द्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि झामुमो पहले भी NDA में रह चुका है । अगर एक बार फिर एनडीए में शामिल हो जाते हैं तो शिबू सोरेन को केन्द्र में मंत्री पद मिलेगा ही झारखंड को केन्द्र से पैसा मिलने में भी कोई दिक्कत नहीं होगी ।
रामदास अठावले के बयान पर भाजपा और झामुमो ने तो कुछ नहीं कहा लेकिन कांग्रेस आगबबूला हो गई । झारखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आलोक दूबे ने तो रामदास अठावले को राजनीति का “टमाटर” तक कह दिया । उन्होंने कहा कि अठावले को तो एनडीए वाले भी सीरियसली नहीं लेते ।
फिलहाल राजनीति है तो चर्चा होगी ही । राजधानी के चौक चौराहों पर भविष्य की संभावना पर चटखारे लेकर कहानियाँ गढ़ी जा रही हैं । और लोग मजे ले-लेकर अर्जुन मुंडा और हेमंत सोरेन के रिश्तों की दुहाई दे रहे हैं ।