उज्ज्वल दुनिया /रांची। देश-दुनिया में छऊ नृत्य को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने वाले पद्मश्री पंडित श्यामा चरण पति का रांची में निधन हो गया। पंडित श्यामा चरण पति अपने जीवन के अंतिम समय में वृद्धाआश्रम में रह रहे थे और बुधवार देर रात उन्होंने 7 डेज अस्पताल में अंतिम सांस ली।सरायकेला-खरसावां जैसे छोटे जिले को छऊ नृत्य के माध्यम से राष्ट्रीय पहचान दिलाने वाले पं. श्यामा चरण पति को वर्ष 2006 में पद्मश्री पुरस्तार से सम्मानित किया गया था।
मोराबादी के पास वृद्धाश्रम में रह रहे थे
कोरोना संक्रमणकाल में पिछले कई महीने से पंडित श्यामाचरण पति रांची के मोरहाबादी स्थित एक वृद्धाश्रम में रह रहे थे, हालांकि उनके कई परिजन रांची में ही रहते थे, इसके बावजूद उनके वृद्धा आश्रम में रहने को लेकर कोई विशेष जानकारी नहीं मिल सकी है। पिता की निधन की सूचना मिलने पर बेंगलुरु में रहने वाले उनके पुत्र गुरुवार को रांची पहुंचे।
छऊ नृत्य को पाठ्यक्रम में शामिल काराना चाहते थे
छऊ नृत्य का सफर 250 साल पहले सरायकेला-खरसावां से शुरू हुआ था। तब सिर्फ राजा की छावनी में यह नृत्य होता था, इसलिए इसका नाम छऊ नृत्य पड़ा। समय के साथ धीरे-धीरे यह नृत्य देश से विदेश तक पहुंचा। पद्मश्री गुरू श्यामा चरण पति छऊ नृत्य को पाठ्यक्रम में शामिल कराना चाहते थे।