– तनाव कम करने को दोनों देशों के बीच ब्रिगेड कमांडर लेवल की बातचीत शुरू
– चीन के जे-20 विमान लद्दाख इलाके के आसपास उड़ान भरने लगे
उज्ज्वल दुनिया/नई दिल्ली, 01 सितम्बर (हि.स.)। पैंगॉन्ग झील के दक्षिणी इलाके में भारतीय सैनिकों और चीनी सैनिकों के बीच 29-30 अगस्त की रात हुई झड़प के बाद एलएसी पर ‘सीमित युद्ध’ के हालात बन गये हैं। चीनी सैनिकों की संख्या करीब 500 थी लेकिन यह भिड़ंत बिना हथियारों के हुई। इस घटना के बाद हालात काफी नाजुक हैं और अब लद्दाख बॉर्डर पर फिर अलर्ट बढ़ गया है। विवादों को सुलझाने के लिए चुसूल में ब्रिगेड कमांडर स्तर की फ्लैग मीटिंग चल रही है ताकि स्थिति को काबू में लाया जा सके। चीनी विदेश मंत्रालय ने घुसपैठ की बात मानने से इनकार कर दिया है। चीन की ओर से बयान दिया गया कि बॉर्डर पर मौजूद चीनी सैनिकों ने एलएसी को पार नहीं किया है। बॉर्डर पर जारी तनाव की स्थिति के बीच चीन के जे-20 विमान लद्दाख इलाके के आसपास उड़ान भर रहे हैं। इसके अलावा पैंगॉन्ग झील के आसपास के स्थानीय निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है।
– पैंगॉन्ग झील के आसपास के स्थानीय निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया
इससे पहले 15 जून को गलवान घाटी में भी चीन ने ऐसे ही घुसपैठ की कोशिश की थी, जिसमें 20 भारतीय सैनिकों ने अपनी शहादत देकर चीन को करारा जवाब दिया था। इस घटना में चीन के सैनिक भी मारे गये थे लेकिन चीनी सेना ने आज तक इस घटना में अपने हताहत सैनिकों की संख्या नहीं बताई है। रात भर में तीन दौर के खूनी संघर्ष के बाद तड़के 5 बजे के करीब दोनों सेनाओं के बीच शवों और घायल सैनिकों का आदान-प्रदान हुआ था। भारत की ओर से चीन को 5 सैन्य अधिकारियों समेत 26 सैनिकों के शव और 70 घायल सैनिक सौंपे गए थे, जिसकी फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी की गई थी। इसके बाद भी घटनास्थल के पास से चीन के हेलिकॉप्टर दूसरे दिन तक अपने घायल और मृत सैनिकों को लेकर गए। इसके बावजूद मृत सैनिकों के शव उनके परिवार को नहीं दिए गये और गुपचुप तरीके से सामूहिक रूप से दफना दिए गये थे। इसी वजह से पीएलए में तेजी से अंसतोष बढ़ा और अब ढाई माह बाद गलवान घाटी में मारे गए 35 चीनी सैनिकों के कब्र की तस्वीर वायरल हुई है।
- चीनी विदेश मंत्रालय ने एलएसी को पार न करने और घुसपैठ से किया इनकार
भारत और चीन की सेनाएं एक बार फिर लद्दाख में आमने-सामने है। चीनी सेना की ओर से घुसपैठ की कोशिश को भारत के बहादुर जवानों ने नाकाम तो कर दिया लेकिन इस वक्त लद्दाख बॉर्डर के पास हालात तनावपूर्ण हो गए हैं। 29-30 अगस्त की रात ड्रैगन सेना के ने करीब 500 जवान पैंगॉन्ग झील के दक्षिणी इलाके में कैंप लगाने की कोशिश कर रहे थे। चीन के सैनिक पूरी तैयारी के साथ रात के अंधेरे में भारतीय सीमा में घुसपैठ करने आये थे। इनके साथ टैंक और गोला बारूद भी था लेकिन मुस्तैद भारतीय जवानों को जब इसकी भनक लगी तो चीनी सैनिकों को रोका और उन्हें काफी पीछे खदेड़ दिया। चीनी सैनिकों की तैयारियों से पता चला कि वे इस इलाके में घुसपैठ करके पूरी तरह से डटने के लिए आए थे। चीन के धोखेबाजी का इतिहास को देखते हुए भारत ने लद्दाख से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जबरदस्त मोर्चेबंदी कर रखी है। ड्रैगन की नापाक हरकतों को रोकने के लिए भारतीय जवान दिन-रात निगरानी कर रहे हैं।