
चंदवारा (कोडरमा) : स्वास्थ्य विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराए जाने के भले ही दावे किए जा रहे हों, परंतु ग्रामीण क्षेत्रों में खुले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति यह है कि डॉक्टर आते ही नही।
स्टाफ़ के सहारे चल रहा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र
कुछ ऐसा ही हाल चंदवारा प्रखण्ड मुख्यालय स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का है जहां डॉक्टरों की मनमानी मरीजों की परेशानी का कारण बनी हुई है। सारी सेवाएं सिर्फ स्टाफ के सहारे ही चलती हैं। डॉक्टर सिर्फ खानापूर्ति के लिए ही आते है ओर चले जाते है। यही कारण है कि प्रखण्ड के लोग पूरी तरह से झोला छाप डॉक्टरों पर ही निर्भर है।
हमेशा अनुपस्थित क्यों मिलते हैं डॉक्टर?
ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खोलकर डॉक्टरों की तैनाती की गई है। जिससे समय पर गांवों में मरीजों को इलाज की सुविधा मिल सके, लेकिन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चंदवारा की हकीकत कुछ और ही है,कभी-कभार ही डॉक्टर अस्पताल आते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों से मरीज सरकारी इलाज की उम्मीद लेकर अस्पताल पहुंचते हैं पर अस्पताल में हमेशा डॉक्टर अनुपस्थित ही मिलते है ओर उन्हें बिना इलाज कराए लौटना पड़ता है। डॉक्टर नहीं आने के कारण परेशान होकर लोगो को प्राइवेट क्लीनिक में इलाज करवाने पर मजबूर हो जाते है।