सीआईडी अमन से खोलवाएगी फरारी का राज
अजय निराला / उज्ज्वल दुनिया संवाददाता/ हजारीबाग। गैंगस्टर अमन साहू को बड़कागांव थाना से फरारी के संबंध में दर्ज कांड संख्या 169/2019 में सीआईडी ने गुरुवार को रिमांड पर लेने के लिए आवेदन दिया है। कोर्ट ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से अमन साहू को रांची जेल से कस्टडी में ले लिया। अमन साहू के फरारी मामले में दर्ज हुए केस को अब तक सीआईडी ने फर्जी माना है। इस कांड के सूचक भुवनेश्वर पासवान ने स्पष्ट तौर पर कांड में दर्ज तथ्यों से हटकर बयान दिया था।दर्ज केस में कहा गया था कि हाजत से शौच के लिए निकला अमन साहू चौकीदार के गुप्तांग पर हमला कर हथकड़ी सहित फरार हो गया था। लेकिन सूचक भुवनेश्वर पासवान ने सीआईडी को दिए अपने बयान में कहा कि बर्खास्त दारोगा मुकेश कुमार के कहने पर उसे गेस्ट हाउस में रखा गया था। सुबह जब वह चाय देने गए तो उसे नहीं पाया।
इसके अलावे इस मामले में तत्कालीन दारोगा मुकेश कुमार, बड़कागांव के तत्कालीन एसडीपीओ अनिल सिंह सहित अन्य से सीआईडी पुछताक्ष कर चुकी है। सूत्रों की मानें तो सीआईडी ने सभी के बयान में काफी विरोधाभास पाया है।
अब कांड का अब असली राज अमन साहू सीआईडी के समक्ष खोलेगा। सीआईडी ने अब तक सभी से लिए बयान के विरोधाभास के अंतर से निकले के कई सवाल तैयार कर लिया है। सीआईडी अब अमन के फरारी में पुलिस की भूमिका संदिग्ध मानते हुए। इस बिंदु पर जांच की दिशा आगे बढ़ा दिया है कि अमन को न सिर्फ थाने से भगाया गया, बल्की उसके फरारी में पुलिस ने नयी कहानी बना कर फर्जी केस भी दर्ज किया। इसके पीछे किस-किस की भूमिका रही और पुलिस ने ऐसा क्यों किया। उरीमारी में अमन के गिरफ्तारी उसके फरारी के बाद तो नहीं बनाई गई। फिर सवाल उठ रहा है कि अमन को किस अधिकारी के आदेश पर बड़कागांव थाना में बतौर गेस्ट के रूप में क्यों रखा गया। सीआईडी ने अब इस दिशा में जांच आगे बढ़ा दिया है कि बड़कागांव थाना से अमन को न सिर्फ सुरक्षित भगाया गया बल्कि उसके फरारी के मामले में गलत कहानी बना चौकीदार के बयान पर फर्जी केस क्यों किया ? इस मामले में कौन-कौन शामिल था?
सीआईडी इस बात का पता लगा रही है कि बड़कागांव से भगाने के बाद उसकी फरारी का केस करने के लिए भागने के बाद उरिमारी में कांड संख्या 161/19 में गिरफ्तारी तो नहीं बताया ?
सवाल इस लिए उठ रहा है कि जब अमन उरिमारी में गिरफ्तार हो चुका था तो उसे कोर्ट न भेजकर बड़कागांव में क्यों और किसके आदेश पर किस केस में बड़कागांव थाना में रखा गया था ?