राज्यसभा में चार सांसदों की विदाई का मौका था । राज्य सभा के अपने 6 साल के कार्यकाल के बाद गुलाम नबी आजाद, शमशेर सिंह, मीर मोहम्मद फैयाज और नादिर अहमद का कार्यकाल खत्म होने जा रहा है । उनके विदाई पर संसद में बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी भावुक हो गए ।
आधी रात को मदद करने के लिए फोन किया
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य सभा सांसद गुलाम नबीं आजाद को याद करते हुए मोदी ने कहा, ‘एक बार गुजरात के यात्रियों पर जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों ने हमला कर दिया, करीब 8 लोग मारे गए । सबसे पहले गुलाम नबी जी का मुझे फोन आया, वो फोन सिर्फ सूचना देने का नहीं था । उनके आंसू रूक नहीं रहे थे.’
प्रणब मुखर्जी और गुलाम नबी आजाद ने की थी मदद
प्रधानमंत्री ने कहा, उस समय प्रणव मुखर्जी जी रक्षा मंत्री थे । मैंने उनसे कहा कि अगर मृतक शरीरों को लाने के लिए सेना का हवाई जहाज मिल जाए तो उन्होंने कहा कि चिंता मत करिए मैं करता हूं व्यवस्था । लेकिन गुलाम नबी जी उस रात को एयरपोर्ट पर थे, उन्होंने मुझे फोन किया और जैसे अपने परिवार के सदस्य की चिंता करें, वैसी चिंता वो कर रहे थे ।’