
धुरकी प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का मामला
गढ़वा में विलुप्तप्राय कोरवा आदिम जनजाति की चार महिलाओं का बंध्याकरण ऑपरेशन कर दिया गया। ऑपरेशन से पहले इन महिलाओं के पति के नाम के आगे कोरवा शब्द को हटा दिया गया था। जिले में कोरवा जनजाति की महिलाओं के ऑपरेशन का यह मामला धुरकी प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सामने आया है। विलुप्ति की कगार पर होने के कारण इस जनजाति की महिलाओं के बंध्याकरण पर पाबंदी है।
ऑपरेशन से पहले सुनिता देवी का आधार कार्ड लिया
धुरकी के खाला गांव की कोरवा महिला सुनिता देवी का बंध्याकरण 23 दिसंबर, 2020 को किया गया। सुनिता बताती है कि ऑपरेशन कराने के लिए सहिया उसके पास आई थी। उसने अस्पताल बुलाया था। धुरकी सीएचसी जाने पर वहां उसका बंध्याकरण ऑपरेशन कर दिया गया। ऑपरेशन से पहले उसका आधार कार्ड लिया गया। आधार कार्ड में उसके पति का नाम रामदास कोरवा दर्ज है लेकिन ऑपरेशन के लिए जो कागज बना उसमें पति का नाम रामनाथ राम कर दिया गया।
सुमन कोरवा की पत्नी दुर्गा का भी कर दिया बंध्याकरण
धुरकी सीएचसी में ही चिनिया प्रखंड के डोल गांव के सुमन कोरवा की पत्नी दुर्गा देवी का भी बंध्याकरण ऑपरेशन किया गया। इसके अलावा धुरकी के शुरू गांव की कोरवा महिला सुनैना देवी और खुटिया गांव की रिंकी देवी का भी बंध्याकरण ऑपरेशन किया गया है।
विधायक ने उठाया मामला
18 जनवरी को जिला विकास समन्वय एवं निगरानी कमेटी (दिशा) की बैठक में भवनाथपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक भानु प्रताप शाही ने जिले में कोरवा महिलाओं के बंध्याकरण ऑपरेशन का मामला उठाया। विधायक ने इस पूरे मामले को चिंताजनक बताते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। जिला कल्याण पदाधिकारी सुभाष कुमार ने बताया कि आदिम जनजातियों की संख्या लगातार कम हो रही है। इस कारण उनके परिवार नियोजन पर पाबंदी है। दिशा की बैठक में विधायक ने मामला उठाया था। इसके बाद जांच के लिए कमेटी बनाई गई। जांच रिपोर्ट में बंध्याकरण ऑपरेशन की पुष्टि होती है तो दोषियों पर कार्रवाई होगी।
स्वेच्छा से कराया ऑपरेशन: सीएस
वहीं इस मामले पर सिविल सर्जन डॉ. दिनेश ने बताया कि
“चार कोरवा जनजाति की महिला का बंध्याकरण ऑपरेशन करने का मामला प्रकाश में आया था तो उसकी जांच कराया गई। जांच में पाया गया कि महिलाएं आदिम जनजाति की ही थीं। महिलाओं ने बताया कि उन्होंने स्वेच्छा से ऑपरेशन कराया है। ऑपरेशन के दौरान महिलाओं ने कोरवा आदिम जनजाति से होने की जानकारी भी नहीं दी थी।”