सरायकेला: सरायकेला-खरसावां जिले के खरसावां राजघराने के राजा प्रदीप चंद्र सिंहदेव का 83 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। खरसावां राजवाड़ी परिसर में बुधवार को तड़के तीन बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। खरसावां के लोग उन्हें स्नेह से टिकैत साहब के नाम पुकारते थे। राजा प्रदीप चंद्र सिंहदेव के निधन की सूचना मिलने पर बड़ी संख्या में लोग राजवाड़ी पहुंच कर पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन किये और श्रद्धांजलि अर्पित की। केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है।
राजा प्रदीप चंद्र सिंहदेव के पार्थिव शरीर को खरसावां के राजवाड़ी परिसर में लोगों के अंतिम दर्शन के लिये रखा गया है। लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि राजा साहब के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार बनारस में होगा। इससे पूर्व उनके पार्थिव शरीर को रांची के एक आश्रम में भी ले जाया जायेगा।आपको बता दे कि राजा प्रदीप चंद्र सिंहदेव खरसावां रियासत के अंतिम राजा श्रीराम चंद्र सिंहदेव के पोता थे। राजा प्रदीप चंद्र सिंहदेव का जन्म पांच अप्रैल 1937 को हुआ था। उनके पिता पुर्णेंदु नारायण सिंहदेव खरसावां के युवराज थे। राजा प्रदीप चंद्र सिंहदेव ने प्रारंभिक शिक्षा खरसावां से प्राप्त की थी। इसके बाद राजकुमार कॉलेज रायपुर से स्नातक की पढ़ाई करने के बाद चार्टर्ड एकाउंट (सीए) की पढ़ाई लंदन से की थी। ये अपने पीछे एक पुत्र व एक पुत्री छोड़ गये हैं। युवराज गोपाल नारायण सिंहदेव व एक पुत्री मीनाक्षी सिंह हैं।
राजा के निधन से क्षेत्र में शोक की लहर है। राजा प्रदीप चंद्र सिंहदेव काफी मिलनसार व मृदभाषी थे। क्षेत्र के लोगों के साथ उनका गहरा संबंध था। इधर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, स्थानीय विधायक दशरथ गागराई, पूर्व विधायक मंगल सिंह सोय, सरायकेला के राजा प्रताप आदित्य देव, क्षत्रिय युवा मंच के अध्यक्ष उमेश सिंहदेव आदि ने राजा साहब के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।