कहा- चुनाव के दौरान पता ही नहीं चला कि दोस्त कौन है और दुश्मन कौन ?
विधानसभा चुनावों में जेडीयू के खराब प्रदर्शन के बाद जीत-हार पर मंथन के लिए बैठक बुलाई गई थी । बैठक में हारे हुए प्रत्याशियों नें साफ-साफ कहा कि उनकी हार लोक जनशक्ति पार्टी की वजह से नहीं, बल्कि भाजपा और उसके कार्यकर्ताओं के असहयोगात्मक रवैये की वजह से हुई…
बैठक के पहले दिन कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने बिना नाम लिए कहा-
“चुनाव के दौरान हमें पता ही नहीं चला कि दोस्त कौन है और दुश्मन कौन ? ” कम समझदार लोग भी समझ गए कि उनका इशारा बीजेपी की तरफ था…
बैठक में जिन जेडीयू नेताओं ने उन्हें चुनाव में मिली हार के लिए बीजेपी के रोल पर सवाल उठाया उनमें चंद्रिका राय, बोगो सिंह, जय कुमार सिंह, ललन पासवान, अरुण मांझी और आसमां परवीन शामिल हैं. इन नेताओं ने साफ कहा कि चुनाव में उनकी हार लोक जनशक्ति पार्टी की वजह से नहीं बल्कि बीजेपी की वजह से हुई है.
मटिहानी विधानसभा से चुनाव हारने वाले जनता दल यूनाइटेड प्रत्याशी बोगो सिंह ने कहा कि पूरे चुनाव में एक नारा चारों तरफ गूंज रहा था, एलजेपी-बीजेपी भाई-भाई. इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि इसका खामियाजा जेडीयू को भुगतना पड़ा. जो बात सच है उसे उठाना बेहद जरूरी है. उन्होंने आगे कहा कि जेडीयू को हराने में एलजेपी से ज्यादा जिम्मेदार बीजेपी है. एलजेपी का कोई वजूद ही नहीं है. वह तो पूरी प्लानिंग के तहत काम हुआ. बीजेपी के वोटर ने मुझे वोट नहीं दिया.
जिस वक्त जनता दल यूनाइटेड के नेता बीजेपी को लेकर आग उगल रहे थे, उस दौरान नीतीश कुमार और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह मौन होकर सबकी बातें सुन रहे थे. उनका चेहरा बता रहा था कि अपने हारे हुए नेताओं की बातें उन्हे अच्छी लग रही है…अंत में उन्होने इतना ही कहा कि “समय बलवान होत है…”