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कौन है सब्जी मंडी की जमीन का मालिक?

नप के पास सब्जी मंडी का नहीं है कोई दस्तावेज, आरटीआई से हुआ इस मामले का खुलासा

नप द्वारा नौ महीने बाद दी गई जानकारी

उज्ज्वल दुनिया संवाददाता/ अजय निराला
हजारीबाग। उत्तरी छोटा नागपुर प्रमंडल हजारीबाग अंतर्गत कोडरमा जिले के झुमरी तिलैया के स्थानीय अशोका होटल के पीछे स्थित सब्जी मंडी की जमीन का कोई भी दस्तावेज झुमरी तिलैया नगर परिषद के पास नहीं है। 

आखिर इस जमीन का मालिक कौन है?  

नगर परिषद ने किससे और कब इस जमीन को अपने अधीन लिया, इसकी कोई जानकारी नगर परिषद के पास नहीं है। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब आरटीआई कार्यकर्ता विवेक कुमार सिन्हा ने नगर परिषद से सूचना अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी मांगी। उन्होंने नप से पांच जानकारियां मांगी थी।  पहला सवाल पूछा कि तिलैया मौजा के अधीन खाता 130 में स्थित सब्जी मंडी में कितने व्यक्ति ने 2019-20 में जगह लिया और वहां का क्या किराया और कैसे तय किया गया है? दूसरा सवाल पूछा कि उपरोक्त सब्जी मंडी को नगर परिषद ने कैसे और कब अधिग्रहित किया? तीसरे सवाल में पूछा गया है कि उपरोक्त सब्जी मंडी को अधिग्रहित करते समय किस रैयत को और कितना मुआवजा दिया गया? चौथे सवाल में पूछा गया कि उपरोक्त सब्जी मंडी को अधिग्रहित करते समय किन दस्तावेजों का उपयोग किया गया था? दस्तावेजों की छाया प्रति भी उपलब्ध कराने की मांग की गई थी। जबकि पांचवा और अंतिम सवाल पूछा गया कि सब्जी मंडी में कितनी भूमि अधिग्रहित की गई है? इन पांचों सवालों के जवाब में नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी कौशलेश कुमार ने जवाब दिया कि अभिलेख के आधार पर सूचना उपलब्ध नहीं है। अब ऐसे में सवाल उठता है कि जब नगर परिषद के पास इस जमीन से संबंधित कोई दस्तावेज उपलब्ध है ही नहीं तो उसने सब्जी व्यापारियों को दुकानें किस आधार पर आवंटित किया? 
बता दें कि नगर परिषद द्वारा पिछले कई सालों से उक्त स्थल पर शेड नुमा दुकान सब्जी विक्रताओं को आवंटित किया है। कई स्थाई शेड भी बने हुए हैं। ऐसे में सवाल उठता है की इस जमीन का असली मालिक कौन है? नगर परिषद ने किस आधार पर इस जमीन को अधिग्रहित किया और दुकानदारों को आवंटित किया? सवाल यह भी उठता है कि इन सब्जी विक्रेताओं से टैक्स के रूप में जो वसूली की जाती है वह कैसे और किस अधिकारी के आदेश से की जा रही है? 
विवेक कुमार सिन्हा ने बताया कि उन्हें नौ महीने देर से यह जानकारी उपलब्ध कराई गई। यानी आरटीआई का जवाब देने में नगर परिषद प्रशासन रुचि नहीं दिखाते। विवेक कुमार सिन्हा ने 27 फरवरी 2020 को सूचना अधिकार अधिनियम के तहत जवाब मांगे थे, किंतु नगर परिषद द्वारा तीन नवंबर 20 को जवाब दिया गया।

क्या कहते हैं अधिकारी: 

इस संबंध में नप के प्रशासक कौशलेश कुमार ने कहा कि उनके कार्यालय में इस मामले से संबंधित कोई भी दस्तावेज कार्यालय में उपलब्ध नहीं है। यह मामला बहुत लंबे समय से और मुझसे पहले से चला आ रहा है। 

क्या कहते हैं अंचल कार्यालय के सूत्र

इस संबंध में कोडरमा अंचल कार्यालय से जुडे़ एक कर्मी ने नाम न छापने की शर्त पर बातया कि खाता 130 की जमीन क्रिश्चियन माइका इंडस्ट्रीज की है। यह खाता आज भी ऑनलाइन पंजी टू में दर्ज है।

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