Sunday 20th of April 2025 02:48:56 AM
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कोडरमा में कम्बल घोटाले की बात गलत


कोडरमा। कंबल की गुणवत्ता से संबंधित लगाये गये आरोपों के के सम्बंध में उप निदेशक-सह-जिला योजना पदाधिकारी-सह- प्रभारी सहायक निदेशक, जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग के द्वारा जानकारी दी गयी है कि पार्टी विशेष के नेताओं द्वारा लगाये आरोप गलत ओर बेवजह है।
उन्होंने बताया कि सर्वप्रथम लगाये गये सभी आरोप बेबुनियाद एवं सत्य से परे है।

कंबल का दर एवं आपूर्तिकर्त्ता का निर्धारण राज्य सरकार की संस्था NeML द्वारा किया जाता है, जिसमें जिला प्रशासन की कोई भूमिका नहीं होती है। जिला प्रशासन द्वारा सिर्फ आपूर्तिकर्त्ता को स्वीकृत नमूना जिसके अन्तर्गत कंबल का भार 2.00 किलोग्राम एवं साईज 90” X 60” का आपूर्ति करने का आदेश दिया जाता है। कंबल की संख्या स्वीकृति दर से प्राप्त आवंटन में भाग देकर निकाला जाता है । तत्पश्चात् प्रखण्ड एवं नगर पालिका के जनसंख्या के आधार पर उतनी संख्या में कंबल विभिन्न प्रखण्डों एवं नगरपालिका को आपूर्ति करने का आदेश दिया जाता है। इस आदेश के अनुसार सभी प्रखण्ड विकास पदाधिकारी को कंबल की आपूर्ति मानक के अनुसार अर्थात् कंबल का भार 2.00 किलोग्राम एवं साईज 90” X 60” को जांच कर प्राप्त करना था, तत्पश्चात ही उसे वितरण करना था।

उक्त आदेश की अंतिम कंडिका में स्पष्टतः निर्देश है कि किसी भी स्थिती में खराब गुणवत्ता पाये जाने पर कम्बल की आपूर्ति स्वीकार नहीं करे।उन्होंने कहा कि प्रखण्डों से यह सूचना प्राप्त है कि कंबल की आपूर्ति गुणवत्ता के अनुरुप ही प्राप्त है तथा जनता की ओर से कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। इस संबंध में आपूर्तिकर्त्ता से पृच्छा करने पर बताया गया कि मैं अपनी जानकारी में कोई खराब गुणवत्ता वाले कंबलों की आपूर्ति नहीं किया हूं। ऐसे में यह आरोप लगाना कि दरी के जैसा कंबल है उचित प्रतित नहीं होता है, कंबल ऊन का बना होता है तथा दरी सूत का।

जहां तक आपूर्तिकर्ता द्वारा निर्धारित दर पर कंबल की आपूर्ति का प्रश्न है, जो अन्य जिलों से कम है, इसमें जिला प्रशासन की कोई भूमिका नहीं है। कैसे आपूर्तिकर्त्ता कंबल देगा यह उसकी जवाबदेही है।

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