Thursday 21st of November 2024 11:21:02 PM
HomeLatest Newsकोडरमा माइनिंग इंजीनियरिंग कॉलेज बना सरकारी कोविड अस्पतालकल,कल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन करेंगे...

कोडरमा माइनिंग इंजीनियरिंग कॉलेज बना सरकारी कोविड अस्पतालकल,कल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन करेंगे 1 बजे ऑनलाइन उद्घाटन ।110 ऑक्सिजन सपोर्टेड बेड, 140 साधारण बेड के साथ आई सी यू की भी सुविधा । डीसीएचसी डोमचांच को यहां किया गया शिफ्ट । सरकारी सदर हॉस्पिटल में भी 20 ऑक्सीजन पाइप लाइन युक्त बेड की होगा शुरुआत

कोडरमा।
जिला प्रशासन कोडरमा के द्वारा कोविड के नियंत्रण व बचाव के लिए रात दिन अनवरत रूप से कार्य किया जा रहा है। चाहे अतिरिक्त नए बेड की व्यवस्था हो या ऑक्सीजन की। इसके लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। कोविड के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन कोडरमा द्वारा राहत व बचाव के क्रम में अब कोडरमा अवस्थित माइनिंग इंजीनियरिंग कॉलेज को सरकारी कोविड अस्पताल में तब्दील किया जा रहा है। साथ ही डी सी एच सी डोमचांच को भी पूरी तरह यहां स्थान्तरित कर दिया जाएगा।

110ऑक्सीजन सपोर्ट के साथ-साथ तकरीबन 140 बेड की व्यवस्था

सरकारी कोविड अस्पताल में 110 बेड पूरी तरह ऑक्सीजन युक्त रहेंगे इसके साथ साथ 140 अन्य बेड बगैर ऑक्सीजन सपोर्ट वाले मरीजों के लिए रहेगा। जरूरत के अनुसार इन बेडो की संख्या भविष्य में बढ़ाई जा सकती है।

आई सी यू बेड की व्यवस्था
गंभीर रूप से संक्रमित मरीजों का ऑब्जर्वेशन कर गहन चिकित्सा की जाती है। इसके लिए सरकारी कोविड अस्पताल में इंटेंसिव केयर यूनिट की भी व्यवस्था रहेगी। वेंटिलेटर तथा अन्य आधुनिक तकनीकी की सहायता से यहां जिलेवासियों का इलाज किया जाएगा।

डीसी एच सी डोमचांच का सरकारी कोविड अस्पताल में होगा विलय
विदित हो कि गत 1 वर्ष से डोमचांच के डीसीएच का संचालन कोविड मरीजों के लिए किया जा रहा है। बीच में पॉजिटिव मरीजों की संख्या में कमी होने के कारण इसे बंद भी कुछ दिनों के लिए किया गया था, बाद में पुनः इसका संचालन प्रारंभ कर दिया गया। डोमचांच का कोविड सेंटर कोडरमा शहर से तकरीबन 14 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है। सीमित चिकित्सा कर्मी एवं संसाधन के कारण इसका मॉनिटरिंग करने में थोड़ी कठिनाई हो रही थी। कोडरमा में ही एक जगह केंद्रीकृत रूप से अस्पताल बनाने से चिकित्सकों की कमी को कुछ हद तक भरपाई किया जा सकता है। सदर अस्पताल और सरकारी कोविड अस्पताल के मरीजों का इलाज अब डॉक्टर एक ही जगह होने के कारण आसानी से कर पाएंगे। गंभीर मरीजों को सदर अस्पताल से सरकारी कोविड अस्पताल में शिफ्ट करना भी आसान हो जाएगा और समय और संसाधन की भी बचत होगी।

*चिकित्सा कर्मी एवं पारामेडिकल कर्मी की रहने की व्यवस्था*
माइनिंग इंजीनियरिंग कॉलेज का कैंपस कई एकड़ में फैला हुआ है। जिस नवनिर्मित 4 मंजिला भवन को कोविड अस्पताल के रूप में विकसित किया जा रहा है वहां कुल 102 कमरे, 02 बड़े हॉल एवं 01बड़ा हॉल के साथ संगलन मेस भी है। लेकिन प्रस्तावित बेड के अनुसार ही जगहों का उपयोग किया जा रहा है। चिकित्सक, पारामेडिकल स्टाफ एवं सरकारी कर्मियों के लिए ड्यूटी के अनुसार यहां रहने की भी व्यवस्था रहेगी। यहां सभी कर्मी रात्रि कालीन भी चौबीसों घंटे रहकर कार्य कर सकेंगे। बड़े परिसर होने के कारण यहां अनेक बिल्डिंग है। आमजनों को हॉस्पिटल भवन खोजने में दिक्कत ना हो इसलिए प्रवेश द्वार से ही हॉस्पिटल तक पहुंचने के लिए जगह जगह रास्ते में तीर निशान के साथ-साथ साइनेज लगाया गया है।

*हेल्प डेस्क से जाना जा सकता है मरीजों की स्थिति और बेड की उपलब्धता*
कोविड हॉस्पिटल के बाहर आगंतुकों की सहायता के लिए हेल्प डेस्क की ब्यवस्था की गयी है।बाहर से आने वाले यहाँ ड्यूटी पर तैनात कर्मी से मरीज की हालत,खाली बेड की उपलब्धता एवं अस्पताल प्रबंधन से जुड़े अन्य जानकारियाँ प्राप्त कर सकते हैं।यह सहायता केंद्र चौबीसों घंटे कार्यशील रहेगा।
*अस्पताल के कुशल प्रबंधन और संचालन के लिए उप विकास आयुक्त आर रोनिटा को वरीय नोडल पदाधिकारी और डॉक्टर शरद को उनके सहायतार्थ नोडल पदाधिकारी बनाया गया है।*

*डॉक्टरों की संख्या बढ़ायी जाएगी।*
हॉस्पिटल एक जगह रहने से एकीकृत ब्यवस्था रहेगी। सभी चिकित्सक भी एक ही जगह उपलब्ध रहेंगे। इससे चिकित्सको की संख्या पर्याप्त रहेगी और जरूरत पड़ने पर इसकी संख्या और भी बढ़ायी जाएगी।

*सदर हॉस्पिटल में भी 20 ऑक्सीजन पाइप लाइन युक्त बेड की शुरुआत की जाएगी*
जिले में ऑक्सिजन बेड की संख्या में बृद्धि करने के लिए सदर हॉस्पिटल में भी 20 ऑक्सिजन सपोर्टेड पाइप लाइन युक्त बेड की सुरुआत की जाएगी।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments