आंदोलनकारियों के खिलाफ अफवाह फैलाना बंद करे भाजपा- रामेश्वर उरावं
उज्ज्वल दुनिया
रांची। कांग्रेस पार्टी की ओर से रांची में किसान अधिकार दिवस का आयोजन किया गया। केंद्र सरकार द्वारा बनाये गये तीन काले कानूनों को वापस लेने और पेट्रोल-डीजल की बढ़ी हुई कीमत को वापस लेने व बढ़ती महंगाई पर अंकुश लगाने को लेकर आयोजित राजभवन मार्च में हजारों की संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए । राजभवन मार्च के पूर्व मोराहाबादी मैदान में एक सभा भी आयोजित की गई जहां कांगेस के वरीष्ठ नेताओं ने प्रधानमंत्री के तानाशाह रवैये के खिलाफ जमकर निशाना साधा।
प्रभारी आरपीएन सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने किसानों के रीढ़ पर प्रहार किया है, अब बिना विलंब किये केंद्र सरकार इस नये काले कानून को वापस लें। उन्होंने कहा कि झारखंड में कांग्रेस गठबंधन की सरकार ने अपने वायदे के मुताबिक किसानों का ऋण माफ किया। केंद्र में भी जब-जब कांग्रेस सरकार बनी किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोत्तरी किया गया, यूपीए सरकार में 70 हजार करोड़ रुपये के ऋण माफ किये गये, लेकिन अब केंद्र की भाजपा सरकार किसानों के साथ वादाखिलाफी में जुटी है।
उन्होंने कहा केंद्र की सरकार पूरी तरह से तानाशाह की तरह व्यवहार कर रही थी, आज मोराबादी के ऐतिहासिक विरोध प्रदर्शन में हम तानाशाह सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लेते हैं ।एक तरफ जब हमने किसानों की ऋण माफ की, 15 लाख राशन कार्ड बांटने का काम किया,मनरेगा के तहत 9 लाख लोगों को रोजगार देने का काम किया, वहीं दूसरी तरफ भाजपा की सरकार किसानों पर वार कर रही है।सभा समाप्ति पर उन्होंने जय जवान जय किसान का नारा लगाया और तमाम कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ अपराहन 2ः15 बजे राजभवन के लिए कूच किया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सह राज्य के वित्त तथा खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ0 रामेश्वर उरांव ने कहा कि यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर संविधान को मानते है, तो उन्हें किसानों की मांग को तुरंत मांग लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों की मांग जायज है और हर तरीके से उचित है। उन्होंने कहा कि किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य को जारी रखने, मंडी को बचाने और कांट्रेक्ट फॉर्मिंग का विरोध कर रहे है, किसानों की यह तीनों मांगों को तत्काल मान लेना चाहिए। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा नेताओं की ओर से यह अफवाह फैलाने की कोशिश की जा रही है कि इस किसान आंदोलन से झारखंड का कुछ लेना-देना नहीं है, लेकिन आज राजभवन मार्च में गांव-देहात से आ रहे किसानों को देख कर यह सहर्ष समझा जा सकता है कि यह आंदोलन पूरे देश के किसानों का है ।
इस मौके पर कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने कहा कि 51 दिन से किसान आंदोलनरत है, तीनों काले कानून को वापस लिया जाना ही इसका समाधान है। उन्होंने कहा कि बार-बार किसान प्रतिनिधियों के साथ केंद्र सरकार बातचीत कर रही है, लेकिन इसका कोई फलाफल नहीं मिल पा रहा है, इसलिए पार्टी भी यह मांग करती है कि जल्द से जल्द तीनों नये कृषि कानून को वापस ले लिया जाए। केंद्र सरकार किसानों को विश्वास में लेने में पूरी तरह से असफल हो चुकी है।
सभा को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि गठबंधन की सरकार को किसानों के प्रति दर्द है इसलिए हमने अपने पहले ही वर्ष में दो हजार करोड़ कृषि ऋण माफ करके किसानों को एक सौगात देने का काम किया है, हमारा मानना है कि केंद्र की सरकार जानबूझकर किसानों को थकाने और हराने की साजिश कर रही है। मैं किसानों के बीच रहकर आया हूँ और मुझे उनकी दुख और पीड़ा का एहसास है,भाजपा के यह किसानों के प्रति तानाशाह रुख अपनाए हुए हैं जो देश के लिए सही नहीं है।
स्वास्थ मंत्री बन्ना गुप्ता ने सभा को संबोधित करते हुए कहा 73 वर्षों में पहली बार किसानों को सड़कों पर आंदोलन को मजबूर करने वाली भाजपा की सरकार को यह देश कभी माफ नहीं करेगा,10 मर्तबा किसानों के साथ वार्ता फेल हो चुके हैं,60 किसानों ने शहादत दे दी है,फसल उत्सव जैसे ऐतिहासिक अवसर पर किसानों को सड़कों पर ठिठुरते ठंड में आंदोलन करने को मजबूर करने वाली भाजपा सरकार तानाशाह और निष्ठुरता के लिए याद की जाती रहेगी, कांग्रेस पार्टी इस काले कानून को जब तक समाप्त नहीं कर देती आंदोलन जारी रहेगा।