मेदिनीनगर (उज्ज्वल दुनिया)ः झारखंड कृषि ऋण माफी योजना का लाभ जिले के किसानों तक पहुंचाने को लेकर समाहरणालय स्थित एनआईसी सभागार में कार्यशाला आयोजित किया गया। इसमें योजना के क्रियान्वयन को लेकर जानकारी दी गई। उपायुक्त शशि रंजन ने कहा कि किसानों को शीघ्र लाभ पहुंचायें, ताकि किसानों को ऋण के बोझ से राहत मिले। इस योजना के तहत किसानों का 50 हजार रुपये तक के बकाया राशि माफ किये जायेंगे। 31 मार्च 2020 तक के मानक फसल ऋणी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे। उन्होंने बताया कि इस योजना से पलामू के 65,839 किसानों को लाभान्वित किया जाना है। इसमें 9,982 ऑफलाइन सूची है। वहीं वर्तमान में 22,888 किसानों की ऑनलाइन सूची उपलब्ध कराई गयी है। उन्होंने 9,982 किसानों की ऑफलाइन सूची को जिला आपूर्ति पदाधिकारी के स्तर पर सत्यापित कराने के बाद ही ऋण माफी की प्रक्रिया शुरू करने को कहा। उन्होंने डीएसओ अमित प्रकाश को 10 कंप्यूटर ऑपरेटर की नियुक्ति कर कार्यो में तेजी लाते हुए सूची का सत्यापन कराने का निर्देश दिया। उपायुक्त शशि रंजन ने झारखंड कृषि ऋण माफी योजना से संबंधित जानकारी हेतु प्रज्ञा केंद्र के बाहर सूची लगाने, बीडीओ को इसकी समीक्षा करते रहने और योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को जागरूक करने का निर्देश दिया। कार्यशाला में कृषि पदाधिकारी अरुण कुमार ने झारखंड कृषि ऋण माफी योजना की विशेषताओं पर प्रकाश डाला। साथ ही योजना की रूपरेखा से सभी को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक को अपने आधार और राशन कार्ड की प्रति के साथ प्रज्ञा केंद्र/बैंक शाखा में जाना होगा। आवेदक को आवेदन के लिए केवल एक रूपये का भुगतान करना होगा, जिसकी उन्हें रसीद दी जा सकती है। जिला सूचना विज्ञान पदाधिकारी रणवीर सिंह ने कहा कि योजना का लाभ देने की प्रक्रियाओं को पूर्ण करने में प्रज्ञा केंद्र/ग्राहक सेवा केंद्र की अहम भूमिका है और वे सरकारी दिशा निर्देश के तहत काम करना सुनिश्चित करेंगे। कार्यशाला में अग्रणी बैंक प्रबंधक अनुकरण तिर्की, नाबार्ड के डीडीएम शालीन लकड़ा, एडीआईओ संजीव कुमार ने योजना से संबंधित जानकारी दी। मौके पर प्रशिक्षु आईएएस दिलीप प्रताप सिंह शेखावत, एएओ सामू साहू, सीएससी के डिस्ट्रिक्ट मैनेजर समेत वर्चुअल माध्यम से बीडीओ, बीएओ, बीटीएम व एटीएम आदि उपस्थित थे।
किसानों को ऋण के बोझ से दिलायें राहत: डीसी झारखंड कृषि ऋण माफी योजना को लेकर आयोजित हुई कार्यशाला
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