भारत-इजरायल दोस्ती की 29 वीं सालगिरह पर नई दिल्ली के इजरायली दूतावास के बाहर Low-intensity धमाका हुआ । भारत की मीडिया ने इस “हल्के” धमाके के बाद राहत की सांस ली , क्योंकि वो धमाकों की तीव्रता और मौत के आकड़े गिनने को अभ्यस्त हैं । वे धमाकों के impact (दूरगामी परिणाम) देखने की जहमत नहीं उठाते ।
दुनिया भर की जासूसी एजेंसियों की दिलचस्पी क्यों है ?
नई दिल्ली के सबसे सुरक्षित इलाके में इस low-intensity ब्लास्ट का मकसद दूतावास को नुकसान पहुंचाना या लोगों को मारना शायद था भी नहीं । ये सिर्फ एक एलान था -“look, we r here”…
नई दिल्ली में हुए धमाकों को समझने के लिए हमें 9 साल पहले जाना होगा । स्थान वही, वक्त वही…29 जनवर, 2021 धमाके के तार 9 वर्ष पहले इजरायली दूतावास के बाहर एक कार में हुए धमाके से जुड़े हैं ।
9 वर्ष पहले….
नई दिल्ली में इजरायली दूतावास की एक कार में विस्फोट हुआ जिसमें इजरायल के रक्षा विभाग से जुड़े राजनयिक की पत्नी घायल हो गईं।इजरायल के प्रधानमंत्नी बेंजामिन नेतान्याहू ने विस्फोट के लिए ईरान और उससे जुड़े लेबनान के उग्रवादी संगठन हिजबुल्लाह को जिम्मेदार ठहराया था।
राजधानी दिल्ली में कार में हुए विस्फोट के साथ ही पूर्व सोवियत संघ के देश जॉर्जिया की राजधानी तिब्लिसी में दूतावास के बाहर विस्फोटक बरामद हुआ जिसे निष्क्रिय कर दिया गया….
उसके बाद क्या हुआ?
भारत की राजधानी में कार में हुए धमाके की गूंज दुनिया के अलग-अलग शहरों में सुनाई दी । 19 सितम्बर 2013 को स्कॉटलैंड में तुर्की के एक नागरिक की लाश होटल के कमरे से बरामद की गई । बताया गया कि तुर्की का नागरिक डबल एजेंट था जो तुर्की और ईरान के लिए खुफिया सूचनाएं इकट्ठी करता था । हालांकि लाश बरामद होने के बाद उस शख्स से जुड़ी कोई खबर Google पर नहीं मिली ।
लडाई दूसरों की, लेकिन रणक्षेत्र भारत
भारत दुनिया का शायद इकलौता ऐसा देश है जिसके संबंध ईरान और इजरायल दोनों से अच्छे हैं । भारत में ईरानी और इजरायली नागरिकों की अच्छी-खासी आबादी है जो देश के अलग-अलग शहरों में फैली है । इसके साथ ही भारत के संबंध तमाम अरब देशों से भी अच्छे हैं । मतलब दक्षिण एशिया में भारत भूमि ही वो जगह है जहां इजरायल, ईरान, लेबनान, इराक़, अमेरिका और रुस के नागरिक बड़ी संख्या में मौजूद रहते हैं । इन तमाम देशों को भारत से समस्या नहीं है, लेकिन एक-दूसरे के कट्टर दुश्मन हैं ।
भारत-इजरायल की दोस्ती और पाकिस्तान- ईरान-तुर्की-लेबनान की परेशानी
हाल के दिनों में भारत-इजरायल की दोस्ती नए सिरे से परवान चढ़ी है । खासकर नरेन्द्र मोदी के सत्ता में आने के बाद हथियार खरीदने के अलावा भी इजरायल से कई दूसरे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ा है । इजराइल और भारत के दुश्मन देशों को ये दोस्ती चुभती है ।भारत में पाकिस्तान- ईरान-तुर्की-लेबनान के एजेंट्स हैं । वे ऐसा कुछ करना चाहते हैं, जिससे भारत-इजरायल की दोस्ती में शक का बीच बोया जा सके । धमाके इसी साज़िश का हिस्सा हो सकते हैं ।
भारत-इजरायल दोनों ने ब्लास्ट को हल्का बताते हुए, किसी तरह के जानमाल के नुकसान से इनकार किया है । जबकि ब्लास्ट की जांच उच्चस्तरीय एजेंसी से कराई जा रही है । इजराइल से एक्सपर्ट की टीम नई दिल्ली के लिए रवाना हो चुकी है ।