भारत सरकार ने ट्विटर को 257 अकाउंट को तत्काल डीलिट करने को कहा। इसपर ट्विटर का जवाब था -“देखेंगे” । इतना ही नहीं, ट्विटर ने इन 257 अकाउंट को सस्पेंड करने में आनाकानी करते हुए इसे “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता” से जोड़ दिया । सरकार ने कहा कि हमे पता है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता क्या है, लेकिन जब हमारे देश में हो तो यहां के नियम-कायदे मानने होंगे । समाचार लिखे जाने तक ट्विटर ने उन 257 अकाउंट को सस्पेंड नहीं किया था और सरकार ने ट्विटर इंडिया के हेड को कड़ी चेतावनी दी है कि या तो कहना मानो या फिर गिरफ्तार होने को तैयार हो जाओ ।
क्या है पूरा मामला ?
26 जनवरी को लाल क़िले और दिल्ली की सड़कों पर हुए शर्मनाक कृत्य के दौरान, उसके पहले और बाद कई ट्विटर खातों से लगातार भड़काऊ ट्वीट किए जा रहे थे, वीडियो साझा किए जा रहे थे। दिल्ली पुलिस ने स्पष्ट तौर पर बताया कि ढेरों ट्विटर खाते पाकिस्तान और कनाडा से चलाए जा रहे हैं और उनसे भारत विरोधी गतिविधियां चलाई जा रही है।
इसके अलावा भारत में ढेरों ऐसे ट्विटर खाते चल रहे हैं जो भारत की एकता और अखंडता के लिए ख़तरनाक हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों का नरसंहार करने की योजना बना रहे हैं । इस मक़सद का आधारहीन, झूठा, वैमनस्य और हिंसा फैलाने वाला ट्रेंड ट्विटर पर चला और सरकार की चेतावनी के बावजूद ट्विटर ने इसे 24 घंटे बाद फिर से चला दिया।
भारत में बंद, लेकिन दूसरे देशों में चालू !
सरकार ने पहले 257 ट्विटर खातों को निलंबित करने को कहा, जिनसे भारत विरोधी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ आधारहीन अभियान चलाया जा रहा है। ट्विटर ने सिर्फ़ 126 खातों को ही निलंबित किया। इसके बाद ज़हरीले अभियान चलाने वाले 1178 खातों की सूची आईटी मंत्रालय ने ट्विटर को सौंपी, लेकिन ट्विटर ने सिर्फ़ 583 खातों को ही निलंबित किए। कमाल की बात यह भी रही कि भारत में निलंबित खाते भी भारत से बाहर मज़े से चलते रहे।
भारत सरकार के IT मंत्रालय की भी नहीं सुन रहा ट्विटर
सरकार की तरफ़ से ट्विटर को कड़ी चेतावनी को नोटिस दिया गया और नोटिस जिस इंफ़ॉरमेशन एक्ट के 69A के तहत दिया गया, उसमें ट्विटर के अधिकारियों को सात वर्ष तक की सज़ा भी हो सकती है, लेकिन इस सबके बावजूद ट्विटर ने भारत सरकार के सूचना तकनीक मंत्रालय के सचिव अजय साहनी के बीच होने वाली बैठक से पहले ट्विटर पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हवाला देते हुए नेताओं, पत्रकारों और ऐसे दूसरे लोगों के खाते निलंबित करने से साफ़ इनकार कर दिया।
कैपिटल हिल और लालकिला पर अलग- अलग पैमाना
कमाल की बात है कि कैपिटल हिल, अमेरिका में हुई हिंसा के दौरान ट्विटर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प तक का ट्विटर खाता निलंबित कर दिया था और उनके समर्थकों के भी खाते रद्द कर दिए गए थे। सवाल यह है कि क्या ट्विटर भारत में अपनी मनमर्ज़ी के क़ानून बनाएगा और चलाएगा। क्या संविधान के दायरे से बाहर जाकर ट्विटर भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों का मज़ाक़ बनाएगा।
सार्वजनिक बयान में भारत सरकार की आलोचना
इस सब पर ट्विटर की तरफ़ से जिस तरह का सार्वजनिक बयान आया है । ट्विटर ने कहा है कि “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता” का सबको सम्मान करना चाहिए , भारत सरकार को भी । सरकार की तरफ़ से यह संदेश दिया गया कि बैठक से पहले इस तरह का सार्वजनिक बयान ठीक नहीं है, लेकिन इसके बाद सचिव के साथ ट्विटर के अधिकारियों की बैठक बुधवार शाम हुई है। संवैधानिक दायरे को तोड़ता दिखता है।
भारत विरोधी भाषणों को LIVE करते रहे ट्विटर के CEO
भारत के चुने हुए प्रधानमंत्री पर आधारहीन, झूठा आरोप लगाने वाला हैशटैग चलवाना, ट्विटर के सीईओ जैक डोरसी का किसान आंदोलन का समर्थन करने वाले अंतर्राष्ट्रीय सेलेब्रिटीज़ का ट्वीट लाइव करना और इससे पहले भी अपारदर्शी नीतियों के जरिये लोगों के ट्विटर खाते को बढ़ाना या बर्खास्त कर देना दिखाता है कि ट्विटर को संविधान के आधार पर तय भारत सरकार के क़ानूनों की जरा सा भी परवाह नहीं है।
ट्विटर के जवाब में स्वदेशी “कू” (Koo)
अब भारत सरकार के इलेट्रॉनिक और सूचना तकनीक मंत्रालय ने ट्विटर के ब्लॉग की जवाब भारतीय सोशल मैसेजिंग एप कू पर दिया, इलेक्ट्रॉनिक, सूचना तकनीक मंत्रालय सहित कई मंत्रालय कू एप पर खाता बना चुके हैं और सरकार की तरफ़ से यह संदेश दिया गया है ।