
लता मंगेशकर और सचिन तेंदुलकर देश की महाराष्ट्र ही नहीं, देश की धरोहर हैं । क्या हम इन महान हस्तियों की देशभक्ति की जांच कराएंगे ? आज बाला साहेब ठाकरे या जवाहरलाल नेहरू होते, तो क्या लता मंगेशकर के खिलाफ जांच करवाते ? ये कुछ नहीं बल्कि राजनीतिक नीचता की पराकाष्ठा है । ये बातें राज ठाकरे ने मनसे बुद्धिजीवी वर्ग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कही ।
कड़वाहट इतनी बढ़ गई है कि लोग समझ नहीं पा रहे कि वो क्या कर रहे हैं?
राज ठाकरे ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में इतनी राजनीतिक कड़वाहट कभी नहीं देखी। सत्ता में बैठे लोग एकदूसरे को नीचा दिखाने के लिए, बदला लेने के लिए छटपटा रहे हैं । मन इतना काला हो चुका है कि हम लता मंगेशकर और सचिन तेंदुलकर जैसी महान विभूतियों को भी लपेट रहे हैं । ये क्या है ?
हम आने वाली पीढ़ी के लिए नफरतों के अलावा क्या छोड़कर जा रहे हैं?
राज ठाकरे ने कहा कि हमारे बच्चे हमसे क्या सीख रहे हैं? जिस लता मंगेशकर को सुनकर हमारे बाप-दादा का मन सकून से भर उठता था, जिस लता मंगेशकर को सुनकर जवाहरलाल नेहरु में आखों से आँसू आ गए थे, आज हम उस महान शख्सियत पर इसलिए ऊंगली उठा रहे हैं क्योंकि उन्होने लिख दिया कि किसी धिदेशी को हमारे देश के अंदरुनी मामले में बोलने का हक नहीअं है ? लता मंगेशकर और सचिन जैसे लोग युगों में एक पैदा होते हैं । हम उनका सम्मान नहीं कर सकते तो कम से कम अपमान तो न करें ?
शिवानंद तिवारी पर साधा निशाना
राज ठाकरे ने बिहार आरजेडी के नेता शिवानंद तिवारी पर तीखा हमला बोला। राज ठाकरे ने कहा कि हर साल कैलेण्डर की तरह पार्टी बदलने वाला और घाट-घाट का पानी पीने वाला एक बिहारी नेता बोलता है कि सचिन तेंदुलकर से भारत रत्न वापस लो, और हम सब चुप रहते हैं । कल राजनीति का कोई चोर-उचक्का लता मंगेशकर का अपमान करेगा तो हम सिर्फ पहले ये देखेंगे कि वो भाजपा सपोर्टर है या उसका विरोधी, वो मोदी समर्थक है या विरोधी । क्या अब देश का मान- अपमान भी मोदी समर्थन और विरोध की कसौटी पर कसा जाएगा । ये हम सबकेवलिए चुल्लू भर पानी में डूब मरने वाली बात है ।