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अधिकार क्षेत्र से बाहर निरीक्षण कर सर्विस कोड ऑफ कंडक्ट का किया उल्लंघन

बरही क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी के चौपारण के स्कूलों में निरीक्षण का मामला
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बिना स्पष्टीकरण वेतन बंद करने का आदेश

संदीप सिन्हा/उज्ज्वल दुनिया


हजारीबाग। बरही में नव पदस्थापित क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी इन दिनों शिक्षा विभाग की सुर्खियां बनें हुए हैं। बरही क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत चार प्रखंड आतें हैं। इनमें बरही, पदमा, इचाक व विष्णुगढ़ प्रखंड शामिल हैं। बावजूद इसके उन्होंने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर चौपारण प्रखंड के अंतर्गत विद्यालयों का निरीक्षण कर डाला। बात इतने से ही नहीं रुकती उनके द्वारा निरीक्षण किए गए विद्यालयों के शिक्षकों का वेतन अगले आदेश तक बंद करने का फरमान भी जारी कर दिया गया।

क्या है पूरा मामला:

दरअसल बरही के क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी ने विगत 21 जनवरी को चौपारण प्रखंड के दो स्कूलों का औचक निरीक्षण किया। इनमें मध्य विद्यालय सिंगरावां व मध्य विद्यालय पांडेबारा शामिल है। अधिकारी द्वारा जो पत्र जारी की गई उसके अनुसार इस औचक निरीक्षण में प्रधानाध्यापक सहित कुछ शिक्षक अनुपस्थित पाए गए।

बिना स्पष्टीकरण वेतन बंद करने का आदेश:

क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालयी ज्ञापांक 03 व 04 के तहत 25 जनवरी को एक आदेश जारी किया गया। इसमें उन्होंने लिखा है कि निरीक्षण के क्रम में प्रधानाध्यापक सहित कुछ शिक्षक अनुपस्थित पाए गए। उन्हें पांच दिनों के अंदर स्पष्टीकरण का जवाब देने को कहा गया। उन्होंने लिखा कि जब तक संतोषप्रद जवाब नहीं देतें हैं तबतक अगले आदेश तक सभी का वेतन स्थगित किया जाता है।

हास्यास्पद आदेश पर शिक्षा विभाग की किरकिरी:

जो चिठ्ठी अधिकारी ने जारी की है। उसे शिक्षा विभाग के लोग ही हास्यास्पद बता रहें हैं। विभाग की मानें तो जिस तिथि को निरीक्षण किया गया है। यदि उस तिथि को कोई कर्मी अनुपस्थित पाए जातें हैं तो उस तिथि का ही वेतन स्थगित किया जा सकता है। साथ ही जो अनुपस्थित होतें हैं स्पष्टीकरण सिर्फ उनसे ही पूछा जा सकता है। पत्र से यह जाहिर नहीं होता कि किन-किन शिक्षकों का वेतन बंद किया गया है। इस आदेश पत्र के अनुसार उन्होंने लिखा कि जब तक संतोषप्रद जवाब नही मिलता तब तक वेतन स्थगित रहेगा। इसका अर्थ यही लगाया जा रहा है कि शिक्षक कई बार अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत कर सकतें हैं।

सर्विस कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन:

विभागीय सूत्रों की मानें तो यह सर्विस कोड ऑफ कंडक्ट के उल्लंघन का मामला बनता है। क्योंकि अब तक चौपारण प्रखंड किस क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी के अंतर्गत आता है। इसकी अधिसूचना सरकार द्वारा जारी ही नहीं की गई। जब कोडरमा जिला हजारीबाग के अंतर्गत शामिल था उस समय चौपारण कोडरमा क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी के अंतर्गत शामिल था। जब से कोडरमा जिला बना तब से अब तक चौपारण किसी क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी के अधिकार क्षेत्र में नहीं है।

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