उज्ज्वल दुनिया /रांची । शुक्रवार को राजधानी रांची का मोराबादी मैदान और उसके आस-पास का इलाका जंग का मैदान बन गया । एक ओर राज्य के दूर-दराज इलाकों से आए सहायक पुलिस कर्मी थे तो दूसरी ओर रांची पुलिस । ऐसा लग रहा था मानों दोनों ओर से दुश्मनी निकाली जा रही है। राजधानी की पुलिस ने मोराबादी मैदान में लगे सहायक पुलिस कर्मियों के टेंट उखाड़ दिए, उनपर लाठियां बरसाई, भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े ।
हमारे दस लोग घायल हुए- सीटी एसपी रांची के एसपी सौरभ ने बताया कि प्रदर्शन कर रहे सहायक पुलिसकर्मी हिंसक हो गए। उन्होंने बैरिकेडिंग तोड़ दी और पथराव करना शुरू कर दिया। इसके बाद पुलिस प्रशासन कार्रवाई करने के लिए मजबूर हो गया। इस दौरान हमारे पुलिस विभाग के 10 लोग और 5-6 प्रदर्शनकारी घायल हो गए हैं।
हम शांतिपूर्ण थे, हम वर्दी की गरिमा समझते हैं- सहायक पुलिस कर्मी
सहायक पुलिस कर्मियों ने बताया कि हम पिछले कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं । हमारा प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा था । लेकिन ऐसा लगता है कि सरकार के बड़े अधिकारियों के इशारे पर पुलिस हर कीमत पर हमारा आंदोलन खत्म करने पर उतारु थी । वे जबरदस्ती महिलाओं को खींचने लगे । हमारे कुछ साथियों ने रोकने की कोशिश की तो वे मारपीट करने लगे । लेकिन हम खुद पुलिस वाले हैं । हम वर्दी की गरिमा समझते हैं । हमने रोकने की बहुत कोशिश की । लेकिन भीड़ और भगदड के कारण लगता है कि सरकार अपनी साजिश में कामयाब हो गई । वे हमें पीटने आए थे और वही किया ।
जमीन लूटने वालों को छूट और हक मांगने वालों को लाठी – बाबूलाल मरांडी
सहायक पुलिस कर्मियों पर हुए लाठीचार्ज की आलोचना करते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार ने नौ महीने में ही जनता को निराश किया है । नक्सलवाद एक बार फिर सर उठाने लगा है, अपराधी बेलगाम हैं, खुद सीएम को भी धमकी मिल चुकी है, मंत्री से लेकर संतरी तक कमीशनखोरी में व्यस्त हैं, पुलिस सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वालों पर ही बहादुरी दिखा रही है जबकि दुर्दांत अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं । बाबूलाल मरांडी ने कहा कि ये तो पुलिसिया जुल्म की इंतेहा है कि महिलाओं और उनकी गोद में पड़े बच्चों पर लाठी बरसाई गई और उनपर आंसू गैस के गोले छोड़े गए । भगवान न करें अगर छोटे बच्चे के साथ कुछ बुरा होति तो क्या डीजीपी और सीएम उसकी जिम्मेदारी लेते ?
नक्सलियों और अपराधियों के सामने पस्त सरकार निहत्थे महिलाओं और बच्चों पर बरसा रही लाठियां- रघुवर दास
पूर्व सीएम रघुवर दास ने कहा कि नक्सलियों और अपराधियों के सामने पस्त झारखंड सरकार अपने डंडे का जोर निहत्थे सहायक पुलिसकर्मियों आजमा रही है। यह राज्य सरकार की दमनकारी नीति है। अपनी जायज मांगों के लिए आंदोलन कर रहे हमारे आदिवासी-मूलवासी सहायक पुलिसकर्मियों पर लाठीचार्ज व आंसू गैस का प्रयोग करना घोर निंदनीय है।
सहायक पुलिसकर्मी भी तो मूलवासी और आदिवासी हैं, फिर उनके साथ जुल्म क्यों? – आजसू
आजसू ने भी सहायक पुलिस कर्मियों पर हुए लाठीचार्ज की आलोचना करते हुए कहा कि हेमंत सोरेन कहते हैं कि उनकी सरकार आदिवासी-मूलवासी की सरकार है । फिर सहायक पुलिस कर्मी भी तो यहां के आदिवासी-मूलवासी समाज से ही हैं । वे झोले में 1932 का खतियान लेकर घूम रहे हैं । इनकी मांगों पर विचार करने की बजाय हेमंत सोरेन की पुलिस लाठियां बरसा रही है । हमारी मांग है कि लाठीचार्ज का आदेश देने वाले पुलिस अधिकारी को तुरंत बर्खास्त किया जाए ।