राहुल गांधी के बाद हवा इनके भी ‘विपक्ष’ में, लटक चुकी है कानूनी तलवार! | Ujjwal Duniya

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सांसदी जाने के बाद देश में बवेला मचा हुआ है। राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म होने के बाद कांग्रेसियों के साथ विपक्षी पार्टियां भी कांग्रेस के सुर में सुर भाजपा और केन्द्र सरकार को कोस रही हैं। हो सकता है यह अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की राजनीतिक कोशिश हो, लेकिन एक बात और भी है जिसके कारण ये विपक्षी दल इस मुद्दे पर एकजुट नजर आ रहे हैं। दरअसल, राहुल गांधी ही नहीं, कई विपक्ष नेता हैं जिन पर कानूनी तलवार लटक रही है, इस कारण भी विपक्षी नेता इसे विपक्ष के खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध बता रहे हैं। तो आइये देखते हैं अगली कतार में कौन-कौन से नेता हैं जिन पर संकट के बादल छाये हुए हैं-

मनीष सिसोदिया (आप पार्टी से दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री)

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री समेत कई विभागों के मंत्री रहे मनीष सिसोदिया को पिछले महीने शराब नीति में भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि खुद सिसोदिया और आप पार्टी जांच एजेंसियों की कार्रवाई को गलत मान रही है, क्योंकि उनका कहना है कि उनकी सरकार में किसी भी तरह के गलत काम नहीं हुआ है। सिसोदिया फिलहाल जेल में रिमांड पर चल रहे हैं।

सत्येंद्र जैन, (आप पार्टी से दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री)

दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री जैन को कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था। आम आदमी पार्टी उन पर लगे आरोपों से भी इनकार कर रही है।

तेजस्वी यादव (राजद से बिहार के उपमुख्यमंत्री)

बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर भ्रष्टाचार के आरोपों में जांच एजेंसियों की जांच चल रही है। शनिवार को भी इस सिलसिले में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने उनसे जवाब तलब किया है। दरअसल, पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और परिवार पर आरोप है कि उन्होंने बिहार में लालू के कार्यकाल के दौरान 2004 से 2009 तक नौकरियों के बदले में सस्ती जमीन हासिल की थी।

सोनिया गांधी (सांसद और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष)

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और राहुल गांधी की मां सोनिया गांधी से पिछले साल वित्तीय अपराध एजेंसी ने पूछताछ की थी, जो गांधी परिवार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच कर रही है।

के. कविता (विधायक, भारत राष्ट्र समिति, तेलंगाना)

तेलंगाना की विधायक कविता की भी वित्तीय अपराध एजेंसी द्वारा दिल्ली शराब नीति की जांच के संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच की जा रही है. वह भी आरोपों से इनकार करती हैं।

%d bloggers like this: