नई दिल्ली, एएनआइ। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ-सीएसटीओ) शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने अफगानिस्तान मुद्दे पर अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा कि अगर अफगानिस्तान में अस्थिरता और कट्टरवाद बना रहेगा तो इससे पूरे विश्व में आतंकवादी और उग्रवादी विचारधाराओं को बढ़ावा मिलेगा। अन्य उग्रवादी समूहों को हिंसा के माध्यम से सत्ता पाने का प्रोत्साहन भी मिल सकता है। पीएम मोदी ने कहा कि हम सभी देश पहले भी आतंकवाद से पीड़ित रहे हैं इसलिए हमें मिलकर सुनिश्चित करना चाहिए कि अफगानिस्तान की धरती का उपयोग किसी भी देश में आतंकवाद फैलाने के लिए न हो। एससीओ को सदस्य देशों को इस विषय पर सख्त और साझा मानदंड विकसित करने चाहिए।
उन्होंने कहा कि ये मानदंड आगे चलकर वैश्विक एंडी टेरर सहयोग के लिए भी एक टेंपलेट बन सकते हैं। ये मानदंड आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस के सिद्धांत पर आधारित होने चाहिए। इनमें क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म और टेरर फाइनेंसिंग जैसी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए एक कोड ऑफ कंडक्ट होना चाहिए।
इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि अफगानिस्तान में गंभीर मानवीय संकट है। वित्तीय और व्यापार प्रवाह में बाधाओं के कारण अफगानिस्तान के लोगों की वित्तीय बाधाएं बढ़ रही हैं। इसके साथ ही कोरोना की चुनौती उनके लिए संकट का कारण है।

