– कहा, अस्तित्व मिटाने का हुआ प्रयास, राम आज भी हमारे मन में बसे
उज्ज्वल दुनिया अयोध्या, 06 अगस्त (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहां राम मन्दिर भूमिपूजन के बाद अपने सम्बोधन की शुरुआत जय सिया राम के साथ प्रारंभ की। उन्होंने कहा कि आज इस जय घोष की गूंज पूरे विश्व में है। सभी देश वासियों, भारत भक्तों को और राम भक्तों को कोटि-कोटि बधाई। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मुझे इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनने का अवसर दिया।
सदियों से चल रहे व्यतिक्रम से रामजन्मभूमि आज हो गई मुक्त
उन्होंने कहा कि बरसों से टाट और टेंट के नीचे रह रहे हमारे रामलला के लिए अब एक भव्य मंदिर का निर्माण होगा। टूटना और फिर उठ खड़ा होना, सदियों से चल रहे इस व्यतिक्रम से रामजन्मभूमि आज मुक्त हो गई है। राम मंदिर के लिए चले आन्दोलन में अर्पण भी था तर्पण भी था, संघर्ष भी था, संकल्प भी था। उन्होंने कहा कि जिनके त्याग, बलिदान और संघर्ष से आज ये स्वप्न साकार हो रहा है, जिनकी तपस्या राम मंदिर में नींव की तरह जुड़ी हुई है, मैं उन सब लोगों को आज नमन करता हूं, उनका वंदन करता हूं। राम हमारे मन में गढ़े हुए हैं, हमारे भीतर घुल-मिल गए हैं। कोई काम करना हो, तो प्रेरणा के लिए हम भगवान राम की ओर ही देखते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आप भगवान राम की अद्भुत शक्ति देखिए। इमारतें नष्ट कर दी गईं, अस्तित्व मिटाने का प्रयास भी बहुत हुआ। लेकिन, राम आज भी हमारे मन में बसे हैं, हमारी संस्कृति का आधार हैं।
हनुमान जी के आशीर्वाद से श्री राममंदिर भूमिपूजन का आयोजन हुआ शुरू
उन्होंने कहा कि यहां आने से पहले, मैंने हनुमानगढ़ी का दर्शन किया। राम के सब काम हनुमान ही तो करते हैं। राम के आदर्शों की कलियुग में रक्षा करने की जिम्मेदारी भी हनुमान जी की ही है। हनुमान जी के आशीर्वाद से श्री राममंदिर भूमिपूजन का ये आयोजन शुरू हुआ है। उन्होंने कहा कि श्रीराम का मंदिर हमारी संस्कृति का आधुनिक प्रतीक बनेगा। हमारी शाश्वत आस्था का प्रतीक बनेगा। हमारी राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बनेगा और ये मंदिर करोड़ों-करोड़ लोगों की सामूहिक संकल्प शक्ति का भी प्रतीक बनेगा।