छतरपुर(उज्ज्वल दुनिया)ः किसी महिला को डायन घोषित कर उसको बदनाम और प्रताड़ित कर किसी तरह का नुकसान पहुंचाना अपराध है। झारखंड में बिहार से अंगीकृत डायन प्रथा प्रतिषेध अधिनियम 1999 लागू है, इस प्रावधान के मुताबिक कानूनन कारावास व जुर्माना का प्रावधान है लेकिन इसका कड़ाई से पालन नहीं किया जा रहा।बावजूद इसके डायन बिसाही का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा, आए दिन ऐसी घटनाए सामने आती रहती है।जब विधवा,बुजुर्ग, बिकलांग महिलाओं पर डायन होने का आरोप लगा उन्हे ओझा गुणी के नाम पर प्रताड़ित किया जाता है और कई बार राक्षसी प्रवृति के लोग उनकी हत्या कर सिना चौड़ा करते है।डायन के विषय में आम लोगो के मन में बैठे डर व पूर्वग्रहों के आड़ में झारखंड के ग्रामीण इलाकों में जमीनों के दलाल और असामाजिक तत्वों ने अपने निजी हित खूब साधे और खूब फायदा कमाया।प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2015 से 2020 तक झारखंड के थानों में डायन बिसाही से जुड़े 4658 मामले दर्ज है, जिनमे 211 महिलाओं की निर्ममता से हत्या कर दी गई। अकेले पलामू में 446 मामले दर्ज है।
क्या है ताजा मामला.
ताजा और शर्मिन्दा करने वाला मामला फिलहाल छतरपुर थाना क्षेत्र के लोहरआही ग्राम से आ रही है,इस सम्बन्ध में पीड़िता व उसके पुत्र ने छतरपुर थाने में मंगलवार को लिखित आवेदन देने की बात कही है।आवेदन में महिला ने गांव के संतोष कुमार सहित अन्य लोगो पर उन्हे डायन बता कर बदनाम करते हुए मारपीट,गाली गलौज व जान से मारने का प्रयास करने का आरोप लगाया है। महिला ने बताया की बीते सोमवार को संतोष व उसके परिवार के द्वारा उनके घर पर आकर गाली गलौज किया गया व लाठी डंडों से महिला व उसके बेटे पर पर प्रहार किया गया।बाद में जबरन दोनो को पकड़ कर जिले के चैनपुर प्रखंड अंतर्गत बंधु अलखदिहा गांव में ओझा गुणी करने वाले एक व्यक्ति के पास ले जाया गया। जहां पर उनके साथ काफी बुरा व्यवहार व मारपीट भी किया गया। जान से मारने की भी धमकी दी गई,जिसके बाद महिला व उसके बेटे ने किसी तरह भाग कर जान बचाई।पीड़िता ने कानून से न्याय की गुहार लगाते हुए करवाई की मांग की है।
नहीं थम रहा डायन बिसाही का मामला,प्रताड़ित हो रही महिलाएं
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