Sunday 8th of September 2024 03:05:14 AM
HomeLatest Newsछठी जेपीएससी में सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन की हुई अनदेखी

छठी जेपीएससी में सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन की हुई अनदेखी

जनरल से ज्यादा अंक लाने वाले ओबीसी अभ्यर्थियों का सेलेक्शन नहीं 

उज्ज्वल दुनिया /रांची । भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने छठी जेपीएससी की नियुक्तियों में सर्वोच्च न्यायालय के न्याय-निर्णयों की अनदेखी करने का आरोप हेमंत सरकार पर लगाया है। रघुवर दास ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि हाल में प्रकाशित हुए छठी जेपीएसपी के अंतिम परिणाम में सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों से अधिक अंक लाने वाले ओबीसी अभ्यर्थियों को फेल घोषित कर दिया गया है।

झामुमो ने आदिवासियोंऔर मूलवासियों को दिया धोखा

पूर्व मुख्यमंत्री ने राज्य विधानसभा चुनावों में झारखंड मुक्ति मोर्चा द्वारा झारखंड के मूलवासी-आदिवासी और पिछड़ों के हित के प्रतिकूल राज्य सरकार द्वारा आचरण करने का आरोप लगाया है। उन्होंने जेपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा की चर्चा करते हुए कहा कि जब प्रारंभिक परीक्षा परिणाम प्रकाशित हुआ था, तब भी सामान्य से अधिक अंक लाने वाले ओबीसी अभ्यर्थियों को फेल कर दिया गया था। उनसे कम अंक लाने वाले अनारक्षित सामान्य अभ्यर्थी पास घोषित कर दिए गए थे। इन विसंगतियों की जानकारी उनके नेतृत्व में गठित भाजपा सरकार को मिली तो सरकार ने न्यायोचित निर्णय लिया था। इसके बाद ओबीसी के वैसे अभ्यर्थी, जिनके अंक सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों से अधिक थे, उन्हें उतीर्ण किया गया था और वे मुख्य परीक्षा में भाग ले सके थे।

सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन की हुई अनदेखी 

उन्‍होंने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इंदिरा साहनी मामले को लेकर हाल तक के न्याय-निर्णयों की चर्चा की है। उन्होंने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि हर श्रेणी के अभ्यर्थी सबसे पहले तो सामान्य श्रेणी का भी अभ्यर्थी माना जाता है। अत: यदि आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थी के अंक सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थी से अधिक हों तो वह सामान्य श्रेणी में शामिल माना जाएगा। ऐसा नहीं किए जाने की परिस्थिति को अदालत ने सामान्य श्रेणी के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की संज्ञा दी है। ऐसी प्रक्रिया को गलत ठहराया है।

जनरल का कटऑफ- 600 और ओबीसी का कट-ऑफ मार्क्स 621

पूर्व मुख्यमंत्री ने जेपीएससी के अंतिम परिणामों के लिए अभ्यर्थियों के कट-ऑफ मार्क्‍स निर्धारण की चर्चा करते हुए कहा है कि अंतिम परिणाम के लिए जनरल श्रेणी के अभ्यर्थियों का कट-ऑफ मार्क्‍स 600 और ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 621 निर्धारित किया गया। यानी वैसे सभी ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थी जिनको 600 से लेकर 621 अंक प्राप्त हुए। मतलब अंतिम जनरल श्रेणी के अभ्यर्थी से अधिक अंक लाने वाले उन सभी को असफल घोषित किया गया है।
उन्होंने राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा है कि जेपीएससी के अंतिम परिणाम से हेमंत सरकार का आदिवासी-मूलवासी पिछड़ा वर्ग विरोधी चेहरा बेनकाब हो गया है। हेमंत सोरेन ने झारखंड के सैकड़ों मूलवासी पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को राज्य की प्रशासनिक सेवा में नियुक्ति से वंचित कर दिया। यह इनके साथ सरकार का घोर अन्याय है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments