ओसंथाल ब्यूरो
निंद न देखे टूटी खाट, भूख न देखे जुठे भात, प्यास न देखे धोबी घाट और प्रेम न देखे जात पात। वाली कहावत को चरितार्थ कर दिया है चलती ट्रेन मे एक प्रेमी युगल ने। प्यार या वासना यह तो समय ही बताऐगा। लेकिन जी हाँ प्यार कभी भी और कही भी हो सकता है, लेकिन शादी की जगह घर, मंदिर, मस्जिद, गिरिजाघर, गुरुद्वारा, कोर्ट, बैंकेट हॉल तय होता है। लेकिन जब कोई प्रेमी युगल ट्रेन में शादी करे, वह भी चलती ट्रेन के शौचालय रूम में तो वास्तविक रूप से यह चर्चा का विषय बन जाती है। मामला बिहार के भागलपुर से है जहाँ चलती ट्रेन के शौचालय में एक शादीशूदा युवती की नैन मटका चलती ट्रेन मे हुई और कुछ ही घंटो मे दोनो ने जीने मरने की कसम ले चलती ट्रेन के शौचालय मे ही प्रेमी युवक ने शादीशुदा युवती की मांग मे साथ साथ जीने मरने की शपथ ले सिंदूर भर दिया। प्रेमी का नाम आयुष कुमार है।