उज्ज्वल दुनिया/नई दिल्ली । फ्रांस के शहर नीस में बृहस्पतिवार को एक गिरिजाघर में हमलावर द्वारा चाकू से किए गए हमले में तीन लोगों की मौत हो गई. फ्रांस के प्रधानमंत्री जीन कास्टेक्स ने कहा है कि नीस में बृहस्पतिवार को एक हमले में तीन लोगों की मौत के बाद देश में खतरे के स्तर को बढ़ाकर अधिकतम किया जाएगा. उन्होंने देश में कोरोना वायरस पर काबू के लिए दूसरी बार लॉकडाउन लागू किए जाने से कुछ घंटे पहले यह घोषणा की. इसके बाद भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने हाल में फ्रांस में हुए आतंकवादी हमलों की कड़ी निंदा की है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ट्वीट में लिखा- ‘आज मैं नीस के एक चर्च में हुए नृशंस हमले से साथ फ्रांस में हाल में हुए आतंकी हमलों की कड़ी निंदा करता हूं. हमारी संवेदनाएं पीड़ितों के परिवारों और फ्रांस की जनता के साथ हैं. भारत आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में फ्रांस के साथ खड़ा है.’
आपको बता दें कि इससे पहले अधिकारियों ने बताया था कि भूमध्यसागरीय शहर नीस में बृहस्पतिवार को एक गिरिजाघर में चाकू से किए गए हमले में तीन लोगों की मौत हो गई. पिछले दो महीनों में पेरिस में यह तीसरा हमला है. एक पत्रिका में पैगंबर साहब पर कार्टून के पुन: प्रकाशन के बाद पैदा हुए आक्रोश के बीच यह घटना हुई है. नोट्रेड्रम चर्च (गिरिजाघर)में हमले को अंजाम देने वाला हमलावर पुलिस द्वारा पकड़े जाने के दौरान घायल हो गया और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
इस वारदात स्थल से एक किलोमीटर की दूरी पर वर्ष 2016 में बास्तील डे परेड के दौरान एक हमलावर ने ट्रक को भीड़ में घुसा दिया था, जिसमें दर्जनों लोगों की मौत हो गई थी. दो पुलिस अधिकारियों ने नाम का खुलासा नहीं करते हुए कहा कि माना जा रहा है कि बृहस्पतिवार की वारदात को हमलावर ने अकेले अंजाम दिया. उन्होंने कहा कि इसलिए पुलिस अन्य हमलावरों की खोज नहीं कर रही है. नीस के मेयर क्रिस्चियन एस्त्रोसी ने कहा,“वह(हमलावर) घायल होने के बाद भी बार-बार ‘अल्लाह अकबर’ चिल्ला रहा था.
एस्त्रोसी ने ही बीएफएम टेलीविजन को बताया कि हमले में दो लोगों की मौत हुई है, दो की गिरिजाघर में जबकि बुरी तरह से घायल तीसरे व्यक्ति ने वहां से भागने के दौरान दम तोड़ा. उल्लेखनीय है कि यह घटना ऐसे समय हुई है जब फ्रांस में आतंकवादी हमले को लेकर पहले ही अलर्ट जारी किया हुआ है. वहीं, फ्रांसीसी संसद के निचले सदन ने कोरोना वायरस महामारी के चलते नयी पाबंदियों पर बहस को स्थगित करते हुए पीड़ितों के लिए कुछ देर मौन रखा. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रो बाद में नीस के लिए रवाना हुए.