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CM Yogi strict on Moradabad officers सीएम ने कहा कि जब घटना नहीं हुई थी तो एक आरोपित को जेल क्यों भेजा गया। इस दौरान डीआइजी शलभ माथुर ने अभी तक हुई कार्रवाई से अवगत कराया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसएसपी के वीडियो कांफ्रेसिंग से नहीं जुड़ने की जानकारी मांगी।
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। CM Yogi strict on Moradabad officers: आगामी त्योहारों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Aditya) ने कानून व्यवस्था की समीक्षा की। इस दौरान सीएम ने मुरादाबाद की दो घटनाओं को लेकर अफसरों को जमकर फटकार लगाई। ठाकुरद्वारा में एसडीएम को बंधक बनाने और भोजपुर में मानसिक दिव्यांग किशोरी के सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाने के मामले में जमकर फटकार लगाई गई।
सीएम ने कहा कि जब घटना नहीं हुई थी, तो एक आरोपित को जेल क्यों भेजा गया। इस दौरान डीआइजी शलभ माथुर (DIG Shalabh Mathur) ने अभी तक हुई कार्रवाई से अवगत कराया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसएसपी हेमंत कुटियाल के वीडियो कांफ्रेसिंग से नहीं जुड़ने की जानकारी मांगी। जिसके बाद डीआइजी ने बताया कि वह आवश्यक कार्य से छुट्टी पर हैं। ठाकुरद्वारा में खनन माफिया के द्वारा एसडीएम से डंपर छीन ले जाने की घटना पर मुख्यमंत्री ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस घटना के आरोपित अभी तक क्यों नहीं पकड़े गए। अगर आरोपितों पर कार्रवाई नहीं हुई तो अफसरों के खिलाफ मेरे स्तर से कार्रवाई तय की जाएगी। मंडलायुक्त आन्जनेय कुमार सिंह ने कहा कि मुरादाबाद में अवैध खनन नहीं हो रहा है। अवैध खनन के परिवहन को लेकर निरंतर कार्रवाई की जा रही है। खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई के लिए सभी जनपदों में स्पेशल टास्क फोर्स गठित की गई है। मुख्यमंत्री के कई सवालों के आगे अफसर निरुत्तर नजर आए।
रविवार रात करीब एक घंटे तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से अफसरों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने राज्य में लखीमपुर खीरी, झांसी, बदायूं के साथ ही मुरादाबाद मंडल के अफसरों से बातचीत की। वीसी शुरू होने के बाद 20 मिनट बाद ही मुरादाबाद के अफसरों से बातचीत शुरू कर दी थी। एक घंटे तक चली वीसी में सबसे ज्यादा सीएम ने मुरादाबाद की घटनाओं पर फोकस रहा। उन्होंने कहा कि खनन पर कार्रवाई नहीं करने वाले अफसरों पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
ठाकुरद्वारा में हुई घटना को लेकर आरएसएस के पदाधिकारियों ने दो दिन पूर्व ही सीएम से मिलकर शिकायत की थी। जिसमें बताया गया था कि कुछ सिंडीकेट माफिया अवैध खनन के खेल में भाजपा नेताओं और संगठन के सदस्यों पर दबाव बनाकर अपने पाले में करना चाहते थे। इस बात की भनक लगने के बाद पदाधिकारियों ने सीधे सीएम से मिलकर घटना की जानकारी दी थी। जिसके बाद सीएम ने अफसरों ने अफसरों पर सिंडीकेट माफिया के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
कुछ दिन पहले भोजपुर में मानसिक दिव्यांग किशोरी के सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया था। घटना से संबंधित एक वीडियो प्रसारित हुआ था जिसमें किशोर निर्वस्त हालत में सड़क पर भाग रही थी। किशोरी के रिश्तेदार ने मामले पांच युवकों पर सामूहिक दुष्कर्म की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पुलिस ने एक आरोपितों को गिरफ्तार भी किया था। हालांकि, बाद में मेडिकल जांच में किशोरी से दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई थी।
वहीं पीड़ित किशोरी के पिता ने कहा था कि उसकी बेटी मानसिक रूप से कमजोर है। वह खुद अपने कपड़े फाड़ देती है। उसके साथ दुष्कर्म नहीं हुआ। इसके बाद पुलिस ने पिता की तहरीर पर उसके बहनोई व एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी पंजीकृत की थी। सीएम ने इसी मामले पर अधिकारियों से सवाल किए तो वे निरुत्तर हो गए।
दूसरी घटना ठाकुरद्वारा क्षेत्र की है। बीते दिनों उत्तराखंड से अवैध रूप से आ रहे खनन भरे डंपरों को जब एसडीएम और खनन विभाग की टीम ने रोका तो उनके साथ अभद्रता की गई। खनन माफिया अपने तमाम साथियों के साथ पहुंचा और डंपर छुड़ा लिए। इस मामले में बाद में पुलिस ने 150 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी पंजीकृत करते हुए कुछ आरेापितों को गिरफ्तार भी किया लेकिन, खनन सिंडिकेट चलाने वाले माफिया अभी भी पुलिस पकड़ से दूर हैं। सीएम ने जब इस मामले पर सवाल किए तो भी अफसर गोलमोल जवाब देते नजर आए। इस पर भी सीएम ने फटकार लगाई।
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